दुनिया के सबसे अमीर और सबसे शक्तिशाली देशों के नेता भारत की राजधानी नई दिल्ली में 9 सितंबर से शुरू होने वाले दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह 10 सितंबर तक चलेगा।
जी 20 सम्मेलन भारत मंडपम में होगा। इसे वसुधैव कुटुंबकम के आइडिया पर तैयार किया गया है। यह शंख, मोर पंख, पंचतंत्र योग, सूर्य शक्ति द्वार देश की संस्कृति, परंपरा का दर्शन कराता है।
भारत मंडपम 4 मंजिला इमारत है जिसमें 24 मीटिंग रूम है। जिनमें से 20 ग्राउंड फ्लोर पर ही हैं। कुल क्षमता 14000 लोगों की है। 5500 वाहनों की पार्किंग हो सकती है।
भारत की G20 थीम संस्कृत के वाक्यांश "वसुधैव कुटुंबकम" से ली गई है, जो है एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य।
दुनिया के 20 प्रमुख देशों ने 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद इस समझ के साथ एक आर्थिक समूह बनाया ताकि संकटों में बेहतर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग जुटाया जा सके।
इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की इसके अलावा
यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। जर्मनी के बर्लिन में जी 8 की बैठक के दौरान जी 20 का गठन किया गया।
जी 20 में शुरुआती वर्षों में केवल ट्रेजरी प्रमुख मिलते थे, 2007 के वित्तीय संकट के बाद सभी सदस्य देशों के प्रमुखों ने शिखर सम्मेलन के लिए साल में एक बार मिलने का फैसला किया।
जी-20 की मेजबानी पिछले साल इंडोनेशिया ने की थी। इस साल भारत कर रहा है। इसके बाद वो ब्राजील को ये जिम्मा सौंपेगा और अगले साल ये बैठक ब्राजील में आयोजित होगी.
जी 20 का मूल कार्य आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता है। समय के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, कृषि, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार निरोधी एजेंडा भी इसमें शामिल हुआ।
दुनिया की जीडीपी में 85 फीसदी हिस्सा जी 20 देशों का ही है. साथ ही दुनिया के व्यापार में 75 फीसदी की हिस्सेदारी भी इन्हीं की है, ऐसे में इसकी बैठक को बेहद अहम माना जाता है।
इसमें 20 सदस्य देशों के अलावा अन्य देशों को भी आमंत्रित किया जाता है। भारत ने बांग्लादेश, मिस्र, मॉरिशस, नीदरलैंड्स, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन व यूएई को आमंत्रित किया है.