7 साल की उम्र में जब Gukesh Dommaraju ने चेस विश्व चैंपियन बनने का सपना देखा, तब उनके माता-पिता ये कभी नहीं सोचा था कि वह सिर्फ 18 साल की उम्र में यह सपना साकार कर लेंगे।
गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया और विश्व चैंपियन बन गये हैं। इतनी कम उम्र में चेस की दुनिया में इतिहास रचने वाले डी गुकेश की लाइफ, एजुकेशन की रोचक बातें जानें।
गुकेश के पिता राजिनीकांत ने अपनी प्रतिष्ठित ENT सर्जन की नौकरी छोड़ दी, ताकि वह अपने बेटे के साथ दुनिया भर में चेस टूर्नामेंट्स में भाग ले सकें।
वहीं, उनकी मां पद्मा कुमारी ने परिवार का खर्च चलाने के लिए अपने करियर को प्राथमिकता दी और घर की कमाई का जिम्मा लिया।
गुकेश की यात्रा आसान नहीं थी। 2017-18 के दौरान पैसे की कमी हो गई। तब माता-पिता के दोस्त उन्हें चेस टूर्नामेंट्स के लिए फंडिंग करते।गुकेश ने भी हार नहीं मानी लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।
गुकेश ने 2013 में चेस सीखना शुरू किया। 2017 में इंटरनेशनल मास्टर का खिताब जीता। कई एज ग्रुप चैंपियनशिप भी जीते। फिर 2018 में अंडर-12 विश्व युवा चेस चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।
गुकेश के चेस के प्रति जुनून को देखते हुए, उनके माता-पिता ने उन्हें कक्षा IV के बाद स्कूल छोड़ने का निर्णय लिया, ताकि वह अपने चेस करियर पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर सकें।
गुकेश ने कई बार बिना स्पॉन्सर के टूर्नामेंट्स में भाग लिया। फीस-खर्चे पुरस्कार राशि और क्राउड-फंडिंग से जुटाए। इसके बावजूद सफलता हासिल की 2019 में सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने।
गुकेश के लिए महत्वपूर्ण मोड़ था जब भारत के महानतम चेस खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने उन्हें गाइड किया। 2020 में COVID के दौरान, आनंद के एकेडमी में ट्रेनिंग ने गुकेश को नई दिशा दी।
आखिरकार गुकेश ने 2024 में डिंग लिरेन को हराकर चेस का विश्व चैंपियन बनने का सपना पूरा किया। यह उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और माता-पिता के त्याग का परिणाम था, जिन्होंने उनका साथ दिया।