एनईपी 2020 के माध्यम से शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव पेश किए। इसका उद्देश्य शिक्षा में सुधार लाना है। इस नीति के तहत स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा नीति तक में बदलाव किया गया है।
आने वाले समय में देश के सभी सीबीएसई स्कूलों में एक पाठ्यक्रम लागू करने की घोषणा की गई, जिसके लिए 22 भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया है। मातृभाषा में पढ़ाई होने से भारत के युवाओं के टैलेंट को बढ़ावा देना और सामाजिक न्याय की ओर अहम कदम माना गया।
10+2 एजुकेशन सिस्टम की जगह, 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लाई जा रही है। इसमें पढ़ाई 3 साल की उम्र से शुरू होगी। इससे देश में एकरुपता आएगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को संतुलित तरीके से महत्व दिया है और उसी के अनुसार कोर्स, एक्टिविटी डिजाइन किये गये हैं।
देशभर के 14500 स्कूलों को पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा। केंद्र की इस योजना से 18 लाख छात्रों को फायदा होगा।
पीएम श्री योजना की खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। सभी स्कूलों में छात्रों के लिए बेस्ट मॉर्डन सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी।
स्टार्टअप इंडिया देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने की एक प्रमुख पहल है। इसने इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया है।
स्किल इंडिया मिशन समाज के सभी वर्गों को शामिल करने वाली एक प्रमुख पहल है। कौशल विकसित करने और बड़े पैमाने पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 15 जुलाई, 2015 को इसकी घोषणा की गई थी।
रोजगार मेला का आरंभ देश के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।बेरोजगार अभ्यर्थियों और नियोजकों को एक ही स्थान पर आमंत्रित कर रोजगार मुहैया कराया जाता है।