हरमनप्रीत कौर भारतीय महिला क्रिकेट टीम का वो नाम हैं, जिन्होंने देश का सिर गर्व से ऊंचा किया है। बल्ले से छक्के उड़ाने वाली यह क्रिकेटर टीम की कप्तान होने के साथ ही प्रेरणा भी हैं।
वुमेंस ODI वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में हरमनप्रीत की दमदार पारी ने भारत को जीत की राह दिखा दी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 89 रनों की शानदार पारी खेलकर ऐतिहासिक जीत दिलाई।
जानिए भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की पढ़ाई, परिवार और क्रिकेट के मैदान तक का उनका सफर कैसे शुरू हुआ।
हरमनप्रीत कौर का जन्म 8 मार्च 1989 को पंजाब के मोगा जिले में हुआ। उनके पिता हरमिंदर सिंह खुद एक क्लब क्रिकेटर रहे हैं, उन्होंने ही हरमन को बचपन से खेल के लिए प्रेरित किया।
हरमनप्रीत ने शुरुआती पढ़ाई हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर से की। फिर चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से 2009-2011 के बीच बीए की डिग्री डिस्टेंस मोड से हासिल करने का दावा किया था।
उनकी CCSU डिग्री पर विवाद भी हुआ था। हरमनप्रीत ने इस पर कहा था कि उन्होंने टूर्नामेंट्स के कारण यूनिवर्सिटी बदली थी। आगे पीजी कोर्स में भी एडमिशन लिया था, लेकिन पूरा नहीं कर सकीं।
हरमनप्रीत का क्रिकेट की ओर झुकाव बचपन से ही था। इसलिए उन्होंने जालंधर जाकर कोच कमलजीत सिंह से प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली। वहीं से उनके क्रिकेट करियर की असली शुरुआत हुई।
साल 2009 में सिर्फ 20 साल की उम्र में, उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिला। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ वुमेंस वर्ल्ड कप में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया।
2017 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरमनप्रीत कौर ने 171 रनों की शानदार पारी खेली, जिसने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
उनकी लीडरशिप स्किल्स के कारण उन्हें भारतीय महिला टीम की कप्तानी सौंपी गई। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने कई यादगार जीत हासिल की। चाहे T20 हो या ODI अपने खेल से टीम को मजबूती दी।
2017 वर्ल्ड कप में 171 रन की नाबाद पारी खेली। वह पहली भारतीय महिला हैं जिसने T20 में सेंचुरी लगाई। उन्हें अर्जुन अवॉर्ड मिल चुका है। WPL में मुंबई इंडियंस की कप्तान रहीं।
हरमन कहती हैं कि उनका असली मकसद क्रिकेट के जरिए लड़कियों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देना है। वो मानती हैं कि मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।