माइक्रोसॉफ्ट बिल गेट्स द्वारा स्थापित कंपनी है जो बहुत ही कम समय में आईटी वर्ल्ड की दिग्गज कंपनी बन गई। 1980 के दशक में कंप्यूटर टेक्नोलॉजी वर्ल्ड में 21% हिस्सेदारी रही।
अनुमानों के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट में 2 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं। यह कंपनी सबसे अधिक मांग वाले ब्रांडों में से एक है जिसमें बेस्ट टेक्निकल एक्सपर्ट काम करने की ख्वाहिश रखते हैं।
कैंडिडेट के स्किल और एक्सपीरिएंस के साथ-साथ डोमेन रोल और कोई कर्मचारी कहां, कौन से क्षेत्र में पोस्टेड है उसकी सैलरी तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में Microsoft कर्मचारी जो सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं और उन्हें जो न्यूयॉर्क में अन्य स्थानों में रहते हैं उनकी तुलना में अधिक सैलरी मिलती है।
कारण यह है कुछ क्षेत्रों में रहने की लागत अधिक है। यह तय करने के लिए कि किसे कितनी सैलरी मिलेगी Microsoft वरिष्ठता-आधारित प्रणाली का उपयोग भी करता है।
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा वर्तमान में सबसे अधिक दिया जाने वाला ईयरली सैलरी $361,500 है, जो भारतीय रुपये में तीन करोड़ रुपये से अधिक है।
इसके अलावा सबसे अधिक सैलरी पाने वाले व्यक्ति को $1.2 मिलियन (8 करोड़ रुपये से अधिक) भी मिलते हैं। $1 मिलियन नियुक्ति बोनस और एनुअल स्टॉक के रूप में।
माइक्रोसॉफ्ट में सबसे कम वेतन $42,500 है, जो भारतीय रुपये के अनुसार 35 लाख रुपये से है। ये सैलरी अमेरिका में दिया जाता है।
हैदराबाद में जन्मे भारतीय-अमेरिकी टेक एक्सपर्ट सत्या नडेला वर्तमान में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं। भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद वह एमएस करने संयुक्त राज्य अमेरिका गए।
सत्या नडेला ने 1990 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से उन्होंने एमबीए किया।
ब्लूमबर्ग के अनुसार सत्या नडेला की सैलरी अभी $55 मिलियन (4,579,123,725.00 INR) है, जिससे उनका कुल वार्षिक मुआवजा $1 बिलियन (1,000,000,000 Rupees) से अधिक हो जाता है।