भारत में हम अक्सर सुनते हैं कि अमेरिका में अगर कोई 10,000 डॉलर महीने कमा रहा है, यानी करीब साढ़े 8 लाख रुपए, तो उसकी लाइफ पूरी तरह सेट होगी और हर महीने लाखों की बचत हो जाती होगी।
असलियत अलग है। अमेरिका में सैलरी भले ही ज्यादा दिखती हो, मगर वहां का खर्च भी उतना ही बड़ा होता है। जानिए अमेरिका में 10 हजार डॉलर मंथली सैलरी वाला भारतीय कितना बचत कर पाता है।
अमेरिका में 10,000 डॉलर मंथली सैलरी इनकम में से लगभग 1500 डॉलर फेडरल टैक्स के रूप में चले जाते हैं। इसके बाद करीब 700 डॉलर सोशल सिक्योरिटी और हेल्थकेयर के नाम पर कट जाते हैं।
अमेरिका में एक बेडरूम फ्लैट का किराया औसत 1500 डॉलर महीने से कम नहीं होता। भारतीय रुपए में यह लगभग 1.25 से 1.30 लाख रु है। ग्रोसरी सामान में 400 से 500 डॉलर के बीच खर्च हो जाता है।
अमेरिका में कई ऐसी जगहें हैं जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट या तो नहीं है या बहुत महंगा है, इसलिए ज्यादातर लोगों को कार रखनी ही पड़ती है। कार की EMI लगभग 500 डॉलर बैठती है।
हेल्थ इंश्योरेंस करीब 200 डॉलर का होता है। लाइट, पानी और इंटरनेट जैसे बेसिक बिल मिलाकर हर महीने 100 से 150 डॉलर और लग जाते हैं। जोड़कर देखें तो इसमें भी बड़ी रकम खर्च हो जाती है।
अगर कोई रेस्टोरेंट में खाना पसंद करता है या कहीं घूमना-फिरना चाहता है, तो यह खर्च भी बढ़ जाता है। रेस्टोरेंट में खाने और कभी-कभार बाहर घूमने का खर्च मिलाकर 400-550 डॉलर तक जाता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो अमेरिका में 10,000 डॉलर कमाने वाला व्यक्ति हर महीने लगभग 3000 से 3500 डॉलर खर्च कर ही देता है।
सभी खर्च निकाल देने के बाद 10 हजार डॉलर मंथली सैलरी वाले व्यक्ति के पास करीब 4500 से 5000 डॉलर ही बचते हैं। भारतीय रुपए में यह लगभग 4 लाख से साढ़े 4 लाख रुपए की बचत होती है।