IAS pooja khedkar के सेलेक्शन में उन्हें ओबीसी स्टेटस और दिव्यांगता सर्टिफिकेट के कारण रियायत मिली है। लेकिन उन्हें जिस तरह से रियायत मिली उसपर कई सवाल भी उठ रहे हैं।
ऐसा कहा जा रहा है कि IAS pooja khedkar का ओबीसी स्टेटस और दिव्यांगता सर्टिफिकेट दोनों ही फेक है।
सरकारी नौकरियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है लेकिन ओबीसी कैटेगरी में आरक्षण पाने के लिए भी अलग से कुछ नियम बनाये गये हैं।
ओबीसी कैटेगरी को दो भागों में बांटा गया है क्रीमी और नॉन क्रीमी लेयर। नियम के अनुसार सिर्फ नॉन क्रीमी लेयर कैटेगरी के कैंडिडेट ही ओबीसी आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं।
रिपोर्ट अनुसार आईएएस पूजा खेडकर ने यूपीएससी में अपनी दिव्यांगता ही नहीं ओबीसी का भी फेक सर्टिफिकेट दिखाया है, क्योंकि वह नॉन क्रीमी लेयर कैटेगरी में आती ही नहीं हैं।
आईएएस पूजा खेडकर के पिता की कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये है ऐसे में उनका ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आना या आरक्षण मिलना नियम से परे है।
सरकारी नियम के अनुसार यदि किसी परिवार की वार्षिक आय 8 लाख से कम है तो वह नॉन क्रीमी लेयर में आता है और यदि परिवार की सालाना आय 8 लाख से अधिक है तो वह क्रीमी लेयर में आता है।
यूपीएससी आरक्षण के तहत 35 साल की उम्र तक के ओबीसी कैंडिडेट्स परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। उनके पास 9 अटेंप्ट का ऑप्शन है। जेनरल कैटेगरी में उम्र 32 साल और 6 अटेंप्ट मिलते हैं।
दिव्यांगता मामले में कैंडिडेट को यूपीएससी में 40% तक आरक्षण प्राप्त है। सभी कैटेगरी के दिव्यांग कैंडिडेट 42 की उम्र तक परीक्षा दे सकते हैं। अटेंप्ट भी उम्र सीमा तक अनलिमिटेड है।