Education

जानें क्या होता है ब्लू सुपरमून, यह Super Moon कितना अलग?

Image credits: Pexels

सुपरमून कब दिखाई देगा

30 अगस्त यानी आज आसमान में पूरा चमकदार चंद्रमा देखने को मिलेगा। पूर्णिमा की तुलना में यह करीब 7 प्रतिशत बड़ा नजर आएगा लेकिन ज्यादा अंतर समझ में नहीं आता है।

Image credits: Getty

साल का एकमात्र नीला सुपरमून

रक्षाबंधन की रात पृथ्वी से चांद अनोखा नजर आएगा। इस साल का यह एकमात्र ब्लू सुपरमून होगा। यह सुपरमून करीब 222,043 मील दूर नजर आएगा।

Image credits: Pexels

ब्लू सुपरमून कब होता है

हर 33 महीने यानी 2 से 3 साल में एक बार ब्लू सुपरमून नजर आता है। इसका नाम 'वंस इन अ ब्लू मून' नाम की अंग्रेजी कहावत से पड़ा है।

Image credits: Pexels

सुपरमून क्या होता है

सुपरमून दो घटनाओं के मिलने से बनता है। एक घटना पूर्णिमा यानी फुलमून और दूसरा चंद्रमा का पृथ्वी के पास होना। इससे चांद पूरा और बड़ा दिखता है, जिसे सुपरमून कहा जाता है।

Image credits: Pexels

क्या हर पूर्णिमा पर बन सकता है सुपरमून

एक साल में करीब 12 पूर्णिमा की रातें होती हैं, लेकिन इनमें से सभी में सुपरमून की स्थिति नहीं बनती है। सिर्फ तभी सुपरमून होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी के पास आ जाता है।

Image credits: Pexels

सुपरमून पर चंद्रमा बड़ा क्यों नजर आता है

चंद्रमा अंडाकार कक्षा में पृथ्वी का चक्कर लगाता है। परिक्रमा के दौरान एक बार वह पृथ्वी के सबसे पास आता है। अगर इस दिन पूर्णिमा है तो चांद बड़ा दिखता है, यह सुपरमून बन जाता है।

Image credits: Pexels

क्या सुपरमून की रात ही चंद्रग्रहण होता है

संयोग की बात है कि पूर्णिमा की रात ही चंद्रग्रहण लगता है। इसका मतबल सुपरमून की रात चंद्रग्रहण होता है। ऐसे में कई लोग इसे चंद्रग्रहण के प्रभाव से जोड़ देते हैं।

Image credits: Pexels

सुपरमून का पृथ्वी पर असर

सुपरमून का प्रभाव ज्वार या टाइड्स को प्रबल और तेज कर देता है। पूर्णिमा पर चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव पृथ्वी के पास होने से उसमें तीव्रता नजर आती है।

Image credits: Pexels