कोलकाता शहर न केवल समृद्ध इतिहास और भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की विचित्र विशेषताएं और अनोखी परंपराएं इसे और भी खास बनाती हैं।
दक्षिण पार्क स्ट्रीट कब्रिस्तान को भूतिया माना जाता है। यह पुराने गोथिक वास्तुकला के कारण एक रहस्यमय और भयानक स्थान माना जाता है। इसके बारे में कई स्थानीय कहानियां और अफवाहें हैं।
विक्टोरिया मेमोरियल में एक यूनिक एग्जिबिशन सेंटर है, जहां 19वीं सदी के सर्कस की पेंटिंग और कलाकृतियां शामिल हैं। यह एक असमान्य कलेक्शन है जो सामान्य दर्शकों को देखने को नहीं मिलता।
हावड़ा ब्रिज की पुलों के नीचे कई लोग रात के समय सोते हैं। यह स्थिति एक कठिन जीवन जीने वाले लोगों के लिए एक आम दृश्य बन गई है।
कोलकाता में कुछ फ्लाईओवरों पर छिड़काव करने वाले सिस्टम लगाए गए हैं, जो दिन के समय सड़क पर धूल और गंदगी को कम करने के लिए काम करते हैं। यह एक अजीब लेकिन प्रभावशाली उपाय है।
भारतीय संग्रहालय में एक प्राचीन ममी है जो मिस्र से लाई गई थी। यह भारत में ममी का एक दुर्लभ उदाहरण है और संग्रहालय की एक अजीब विशेषता है।
कोलकाता में कुछ सड़क संकेत उल्टे और असामान्य रूप से बनाए गए हैं, जो कि सड़क पर विशेष निर्देश प्रदान करते हैं और यात्रियों को भ्रमित कर सकते हैं।
शहर के नीचे एक अंडरग्राउंड नदी बहती है, जिसे 'टोलीज नुल्लाह' कहा जाता है। यह नदी शहर के अतीत का एक अजीब और छिपा हुआ हिस्सा है।
कोलकाता में कई चाय विक्रेता मोटरबाइक पर चाय बेचते हैं, जो उन्हें एक डायनेमिक और यूनिक बिजनेस मॉडल प्रदान करता है।
कोलकाता बुक फेयर एशिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है और इसका आकार और विविधता इतनी विशाल होती है कि यह दुनिया के सबसे बड़े पुस्तक मेलों में से एक माना जाता है।
कोलकाता में कुछ क्षेत्रों में गायों को सड़कों पर घूमते देखा जा सकता है, जो शहर के अन्य भागों में एक असामान्य दृश्य होता है।