भारत में आध्यात्मिकता और धर्म के क्षेत्र में कुछ गुरुओं ने न केवल अपनी शिक्षाओं और आध्यात्मिक संदेशों के माध्यम से बल्कि अपने आर्थिक साम्राज्यों के कारण भी सुर्खियां बटोरी हैं।
इन आध्यात्मिक बाबाओं ने आश्रमों, धार्मिक संस्थानों और व्यावसायिक उद्यमों के माध्यम से बड़ी मात्रा में संपत्ति अर्जित की है। इनकी लोकप्रियता के साथ-साथ उनकी संपत्ति भी बढ़ी है।
संपत्ति: लगभग 10,000 करोड़ रुपये
स्रोत: नित्यानंद ध्यानपीठम के तहत संचालित मंदिर, आश्रम और गुरुकुलों का ग्लोबल नेटवर्क।
संपत्ति: लगभग 1,600 करोड़ रुपये
स्रोत: पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और संबंधित उद्यम, जो आयुर्वेदिक उत्पादों और FMCG सेक्टर में फैले हुए हैं।
संपत्ति: लगभग 1,000 करोड़ रुपये
स्रोत: आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन, ध्यान केंद्र और वैश्विक अनुयायियों द्वारा दिए गए दान।
संपत्ति: लगभग 10,000 करोड़ रुपये (विवादास्पद होने के बावजूद)
स्रोत: देश और विदेश में फैले आश्रम, स्कूल और संस्थान।
संपत्ति: लगभग 18 करोड़ रुपये
स्रोत: ईशा फाउंडेशन के तहत योग और ध्यान केंद्र, शैक्षणिक संस्थान और वैश्विक दान।