यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) हर साल सिविल सर्विस एग्जाम का आयोजित करता है। यह देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। इसमें चयन होने के बाद पावर, प्रतिष्ठा और पैसा सबकुछ मिलता है।
सिविल सर्विस एग्जाम में हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं लेकिन बहुत ही लिमिटेड सीट होने के कारण चंद लोगों को ही इस जॉब के लिए चयन होता है।
यूपीएससी सिविल सर्विसेज में चयन तीन चरणों में होते हैं। प्रीलिम्स, मेन और पर्सनालिटी टेस्ट। अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों को ही मौका मिलता है।
चयनित उम्मीदवारों का उनके रैंक के अनुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस),भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (आईईएस) या भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के लिए चयन होता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कुछ उम्मीदवारों को IAS पोस्ट मिलता है। इसे सबसे पावरफुल माना जाता है। निचली रैंक वालों को IPS और IFS पोस्ट मिलते हैं।
आईएएस ऑफिसर्स की ट्रेनिंग मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में होती है।
ट्रेनिंग के बाद आईएएस अधिकारियों को उनका कैडर अलॉट किया जाता है। जिसमें उन्हें विशेष क्षेत्र में विभाग के प्रशासनिक कार्यों का भार सौंपा जाता है।
वह संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार करने और सरकारी नीतियों को लागू करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
आईएएस ऑफिसर्स को जिला मजिस्ट्रेट के रूप में इंपोर्टेंट पावर दिये जाते हैं। वे अपने जिले के सभी विभागों की देखरेख के लिए जिम्मेदार होते हैं।
कानून और व्यवस्था से संबंधित निर्णयों के अलावा आपातकालीन स्थितियों में आदेश जारी करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
एक आईएएस अफसर को 56100 रुपये प्रतिमाह की शुरुआती सैलरी और कैबिनेट सचिव बनने के बाद करीब 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह की सैलरी, कई भत्ते और मंत्रियों जैसी सुविधाएं मिलती हैं।