भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णय के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक के 29 फरवरी तक बंद होने के कारण भारत के दुकानों के दुकानदारों को वतर्मान में उपलब्ध अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ा।
यही वजह रही कि पेटीएम संकट के बाद करीब 42 प्रतिशत से अधिक स्टोर पहले से ही मोबिक्विक, भारतपे, फोनपे और गूगलपे जैसे विकल्पों में बदलाव कर रहे हैं।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतपे में विशेष रूप से देश भर में टियर-1, टियर-2 और टियर-3 शहरों में मर्चेंट साइन-अप में 100 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि महानगरों में भारतपे ने 104% से अधिक की वृद्धि हासिल की। टियर -2, टियर -3 शहर में मर्चेंट ऑनबोर्डिंग में लगभग 95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
किराना क्लब द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार 42% स्टोर पहले ही वैकल्पिक भुगतान ऐप अपना चुके हैं। वहीं पहले पेटीएम का इन स्टोर्स में 69 प्रतिशत मार्केट हिस्सेदारी पर कब्जा था।
सर्वे के अनुसार अब पेटीएम में स्थानीय खुदरा विक्रेता भरोसा नहीं कर रहे। 42 फीसदी दुकानें पहले ही स्विच कर चुकी हैं, अन्य 20 फीसदी ने निकट भविष्य में बदलाव का इरादा व्यक्त किया है।
विकल्प चुनने वालों में 50 प्रतिशत लोग PhonePe को पसंद करते हैं, 30 प्रतिशत लोग Google Pay को पसंद करते हैं, जबकि 10 प्रतिशत लोग भारतपे को प्राथमिकता देते हैं।