भारत का हवाई नेटवर्क जितना बड़ा है, उतना ही विविध भी है। यहां के कुछ एयरपोर्ट्स ऐसे भी हैं, जो अपनी खूबसूरती से ज्यादा खतरनाक लैंडिंग के लिए मशहूर हैं।
इन एयरपोर्ट्स पर जरा सी चूक की भी गुंजाइश नहीं। ये वो हवाई अड्डे हैं जहां पायलट्स को सबसे ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है। जानिए भारत के 7 सबसे जोखिम भरे एयरपोर्ट्स के बारे में।
यह दुनिया के सबसे ऊंचे एयरपोर्ट्स में से एक है। चारों ओर ऊंचे-ऊंचे हिमालयी पहाड़, पतली हवा और बेहद सीमित समय का स्लॉट इन सभी वजहों से यहां लैंडिंग करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है।
इस एयरपोर्ट के रनवे के दोनों ओर घाटियां हैं और आसपास का दृश्य optical illusion पैदा करती है, जिससे लैंडिंग और टेक-ऑफ में धोखा हो सकता है। छोटी-सी चूक से बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
इस एयरपोर्ट का रनवे बेहद छोटा है, जिस पर सिर्फ छोटे विमान ही उड़ान भर सकते हैं। पहाड़ी इलाका, घना कोहरा और तेज क्रॉसविंड्स लैंडिंग को और भी मुश्किल बना देते हैं।
यह एयरपोर्ट एक पहाड़ी पर बना है, जहां रनवे के दोनों छोर पर गहरी ढलानें हैं। फिसलन भरी रनवे और कम विजिबिलिटी पायलट्स को सतर्क रहने पर मजबूर करती है। यहां गंभीर हादसे हो चुके हैं।
मंगलुरु एयरपोर्ट भी एक टेबलटॉप रनवे है, जहां जरा सी गलती जानलेवा हो सकती है। तेज हवा, सीमित रनवे और खराब मौसम मिलकर इसे भारत के सबसे जोखिम भरे एयरपोर्ट्स में शुमार करते हैं।
ये रनवे इतना पतला-छोटा है कि इसके तीनों ओर सिर्फ समुद्र है। 1,200 मीटर लंबा रनवे किसी भी चूक की गुंजाइश नहीं। यहां नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं और न ही खराब मौसम में उड़ान संभव है।
इस एयरपोर्ट पर तेज हवाएं, अचानक बारिश और क्रॉसविंड्स यहां लैंडिंग को मुश्किल बना देते हैं। रनवे की लंबाई भी सीमित है और एटीसी की सख्त निगरानी में ही उड़ानें होती हैं।
ये एयरपोर्ट्स उन यात्रियों के लिए एक एडवेंचर से कम नहीं, जो रोमांच को पसंद करते हैं। वहीं पायलट्स के लिए ये रनवे तकनीकी दक्षता और अनुभव की सच्ची कसौटी हैं।