नीट यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज अहम फैसला होना है। अदालत के इस फैसले पर 24 लाख नीट कैंडिडेट का भविष्य टिका है।
याचिकाकर्ता के वकील जहां दोबारा नीट यूजी परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं वहीं केंद्र की ओर से 10 जुलाई को दायर हलफनामे में कहा गया है कि मामले में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई की सुनवाई में केंद्र और सीबीआई से पूरी रिपोर्ट मांगी थी। केंद्र से पेपर लीक होने का समय और परीक्षा के बीच की अवधि की पूरी डिटेल मांगी थी।
केंद्र की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि सरकार यह सुनिश्चत कर रही है कि किसी भी दोषी छात्र को इसका लाभ न मिले। नीट मामले में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी नहीं हुई है।
केंद्र ने कहा कि जुलाई के तीसरे हफ्ते से नीट काउंसलिंग शुरू होगी। इस दौरान भी यदि यह पाया गया कि किसी कैंडिडेट ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उसका परिणाम रद्द कर दिया जायेगा।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आईआईटी मद्रास के डेटा एनालिसिस में नीट मामले में कोई बड़ी असमान्यता या गड़बड़ी नहीं दिखती है।
वहीं सीबीआई ने 9 जुलाई को भी नीट पेपर लीक मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले 11 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
नीट यूजी परीक्षा का आयोजन 5 मई को हुआ था। वहीं 4 मई को ही नीट के पेपर लीक हो गये थे। तब पेपर लीक से इंकार करते हुए परीक्षा का आयोजन हुआ और रिजल्ट 4 जून को घोषित कर दिये गये।
SC ने कहा था नीट मामले में धांधली किस लेवल से हुई, क्या पूरी परीक्षा की अखंडता प्रभावित हुई, दोषी और निर्दोष छात्रों को अलग करना संभव है या नहीं। इस आधार पर निर्णय होगा।