अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रोफेसर बनने के नियम बदलने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) जल्द ही प्रोफेसर भर्ती के लिए पात्रता मानदंडों में बदलाव करेगा।
नए नियम के तहत उम्मीदवारों के लिए अब UG, PG और PhD में एक ही विषय में डिग्री होने की अनिवार्यता खत्म की जा रही है।
इसका मतलब है कि अब वे उम्मीदवार भी प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिन्होंने अपने अलग-अलग स्तरों पर अलग-अलग विषयों में पढ़ाई की है।
UGC 2018 के प्रोफेसर भर्ती नियमों में संशोधन कर रहा है और जल्द ही इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा।
नई पात्रता में अब पारंपरिक शैक्षिक योग्यता के अलावा स्टार्टअप अनुभव, पेटेंट, उद्यमिता और इनोवेशन जैसी योग्यता भी शामिल होगी। यह प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा।
UGC NET परीक्षा में भी बदलाव किए जा रहे हैं। दिसंबर 2024 की परीक्षा में एक नया विषय 'आयुर्वेदिक बायोलॉजी' शामिल किया गया है, जिससे परीक्षा के कुल विषयों की संख्या अब 84 हो जाएगी।
प्रोफेसर भर्ती और यूजीसी नेट में बदलाव को लेकर UGC नोटिफिकेशन जल्द ही जारी होने की संभावना है।
इन नए बदलावों का उद्देश्य प्रोफेसर बनने की प्रक्रिया को अधिक प्रासंगिक बनाना है, ताकि शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ उद्यमिता और नवाचार जैसी क्षमताओं को भी मान्यता मिल सके।