भारत में ऐसे एंटरप्रेन्योर की कई कहानियां हैं जो अपने प्रयास से गरीबी से निकले और करोड़पति बने। ऐसे ही एक शख्स हैं नेचुरल्स आइसक्रीम के संस्थापक रघुनंदन श्रीनिवास कामथ।
रघुनंदन कामथ का जन्म 1954 में कर्नाटक के मुल्की में हुआ था। अपने सात भाई-बहनों में वह सबसे छोटे थे। गरीबी में पैदा हुए रघुनंदन का पालन-पोषण उनके पैतृक गांव में हुआ।
रघुनंदन के पिता एक फल विक्रेता थे, जो मुश्किल से पत्नी व 7 बच्चों का भरण-पोषण करने के लिए पैसा कमा पाते थे। मैंगलोर के एक गांव में कामथ ने शुरुआती वर्ष पिता की मदद करते हुए बिताए।
उन्होंने पके फल चुनने, तोड़ने, छांटने और संरक्षित करने की कला सीख ली। ये सब सीखने के बाद उन्होंने अपने पिता का बिजनेस छोड़ने का फैसला लिया।
14 फरवरी 1984 को वह मैंगलोर से बॉम्बे चले गए और केवल चार कर्मचारियों और 10 प्रकार की आइसक्रीम के साथ नेचुरल आइसक्रीम खोली। पहला व्यवसाय जुहू, मुंबई में स्थापित किया।
कामथ को पता नहीं था कि लोग उनकी ऑरिजनल आइसक्रीम चखने आएंगे या नहीं। कस्टमर को अट्रैक्ट करने के लिए उन्होंने साइड डिश के रूप में आइसक्रीम और मेन कोर्स में पावभाजी को रखा।
सबसे पहले दुकान में आइस्क्रीम के 12 फ्लेवर ऑफर किये। यह जल्द ही एक पूर्ण आइसक्रीम पार्लर के रूप में विकसित हो गया।
आज ब्रांड के देश भर के विभिन्न शहरों में 135 आउटलेट हैं। साल 2020 में नेचुरल आइसक्रीम ने 300 करोड़ रुपये का खुदरा कारोबार किया।
केपीएमजी सर्वेक्षण के अनुसार उपभोक्ता संतुष्टि के मामले में इसे भारत के शीर्ष 10 ब्रांडों में स्थान दिया गया।