संजीव मुखिया बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला है। वह पहले एक चपरासी था। पंचायत चुनाव लड़ कर गांव का मुखिया बन गया। गांव के लोगों का काम करते करते पेपर लीक माफिया बन गया।
संजीव मुखिया सालों से पेपर लीक के धंधे में है। इसने पेपर लीक का अपना एक गैंग बना रखा है। बिहार के नालंदा से अपना नेटवर्क ऑपरेट करता है जो पूरे देश में फैला है।
संजीव मुखिया उर्फ लूटन फिलहाल फरार चल रहा है जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार संजीव मुखिया ही नहीं बल्कि उसका डॉक्टर बेटा भी पेपर लीक के धंधे में शामिल है।
संजीव मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव कुमार उर्फ बिट्टू बीपीएससी एग्जाम पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुआ था, जो फिलहाल जेल में है और यहां से भी कई और एग्जाम के पेपर को लीक करवा चुका है।
संजीव मुखिया उर्फ लुटन का नाम साल 2010 से कई एग्जाम पेपर लीक में आया है। संजीव मुखिया पहले बिहार के सबसे बड़े शिक्षा माफिया रंजीत डॉन के साथ काम करता था, फिर अपना गैंग बना लिया।
संजीव मुखिया का नाम 2016 में हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में भी आया है। यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का डॉक्टर शुभम मंडल, रवि अत्री भी संजीव के गैंग से जुड़ा है।
संजीव मुखिया की पत्नी ममता देवी लोक जन शक्ति पार्टी के टिकट पर 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है, पहले मुखिया भी रह चुकी है।