Education

क्या है डार्क नेट जिस पर लीक हुआ UGC NET एग्जाम क्वेश्चन पेपर

Image credits: social media

डार्कनेट या डार्क वेब क्या है?

डार्क वेब एक अनरेगुलेटेड, अनमोनिटर्ड इंटरनेट का पार्ट है। दरअसल ज्यादातर इंटरनेट अनरेगुलेटेड ही है। ऐसा कहा जाता है कि हम जिस नेट का इस्तेमाल करते हैं वो सिर्फ 5 प्रतिशत है।

Image credits: social media

इंटरनेट का अनरेगुलेटेड पार्ट है डार्कनेट

बाकी का इंटरनेट आम लोगों ने एक्सप्लोर नहीं किया है क्योंकि वो रिलायबल या ट्रस्टबॉडी का पार्ट ही नहीं है। यानि इंटरनेट का जो अनरेगुलेटेड पार्ट है उसे ही डार्कवेब कहा जाता है।

Image credits: social media

क्या डार्कनेट अवैध है?

डार्क वेब अनरेगुलेटेड एरिया है इसलिए इसकी डेप्थ का भी किसी को पता नहीं है। इसलिए अबतक सरकार ने इसके लिए रेगुलेशेंस नहीं बनाये हैं। इसलिए टेररिज्म, ड्रग्स जैसे काम यहां होते हैं।

Image credits: social media

क्या डार्कनेट पर सिर्फ गैर कानूनी गतिविधियां होती हैं?

डार्कनेट वह एरिया है जहां लॉ एंड ऑर्डर नहीं होते हैं। इसलिए वहां गैरकानूनी गतिविधियां बढ़ जाती हैं।काफी क्रिमिनल्स डार्कवेब का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि ऑथॉरिटीज का डर नहीं होता।

Image credits: social media

डार्कनेट पर मिला यूजीसी नेट का क्वेश्चन पेपर

डार्कनेट पर यूजीसी नेट का क्वेश्चन पेपर पाया गया। जिसके बारे में सरकार की एक साइबर एजेंसी ने शिक्षा मंत्रालय को सूचित किया और उसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई।

Image credits: social media

डार्कवेब पर कैसे पहुंचाया जा सकता है क्वेश्चन पेपर

डार्कवेब पर गैरकानूनी तरीके से क्वेश्चन पेपर पहुंचाया भी जा सकता है और खरीद-फरोख्त भी हो सकती है। क्योंकि यहां पर नजर से बचना अक्सर आसान हो जाता है।

Image credits: social media

क्या डार्क वेब तक ऑथॉरिटीज की पहुंच नहीं?

देश की ऑथरिटीज की पहुंच डार्कवेब तक है। उसकी मॉनिटिरिंग भी की जा सकती है। वहां जो भी पोस्ट हो रहे हैं उसके बारे में पता लगाना साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के लिए मुश्किल नहीं है।

Image credits: social media

इलीगल ट्रेडिंग का पता लगा सकती है अथॉरिटी

बहुत सारे ऐसे टूल्स हैं जिससे अथॉरिटीज डॉर्कवेब पर हो रही ऐसी इलीगल ट्रेडिंग का पता लगा सकती है। यूजीसी नेट के मामले में भी साइबर एक्सपर्ट इसका आसानी से पता लगा सकते हैं।

Image credits: social media

इंटरनेट फुटस्टेप्स से मिलेगी हर एक्टिविटी की खबर

यूजीसी नेट क्वेश्चन मामले में क्रिमिनल्स एक्टिविटीज उनके फुटस्टेप्स से आसानी से पता लगाया जा सकता है। क्योंकि इंटरनेट फुटस्टेप्स छिपाया जा सकता है इरेज नहीं किया जा सकता।

Image credits: social media