स्पोर्ट्स इंडस्ट्री खेल के प्रति जुनूनी लोगों के लिए कई अवसर प्रदान करता है। एथलीट न होते हुए भी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में करियर आपको पसंदीदा स्पोर्ट्स से जुड़ने का अवसर देता है।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में डिग्री लेकर स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में बेहतरीन करियर बना सकते हैं। इसमें टीमों का मैनेजमेंट करना, सुविधाओं की देखरेख और मार्केटिंग स्ट्रेटजी हो सकता है।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन, डिप्लोमा के लिए उम्मीदवारों को किसी भी स्ट्रीम से 10+2 उत्तीर्ण और मास्टर, पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना चाहिए।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स बिजनेस मैनेजमेंट, मार्केटिंग, कम्युनिकेशन और स्पोर्ट्स नॉलेज को जोड़ता है। कोर्स के बाद छात्र इंटर्नशिप से प्रैक्टिकल एक्सपीरिएंस प्राप्त करते हैं।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट डिग्री के बाद स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में स्पोर्ट्स मीडिया, एथलीट रिप्रेजेंटेशन, इवेंट, फैसलिटी मैनेजमेंट और स्पोर्ट्स मार्केटिंग में करियर बना सकते हैं।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में सफल करियर के लिए कैंडिडेट की कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए। फील्ड के भीतर स्ट्रॉन्ग नेटवर्क और संपर्क बनाने की आवश्यकता होती है।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स की फीस कोर्स ड्यूरेशन, स्थान और डिग्री लेवल के आधार पर भिन्न होती है। ग्रेजुएशन कोर्स की लागत अक्सर 8 लाख रुपये से 41 लाख रुपये के बीच होती है।
स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स के बाद, आपकी डिग्री लेवल, जॉब रोल, स्थान, इंडस्ट्री सेक्शन और एक्सपीरिएंस के आधार पर सैलरी भिन्न हो सकती है। एनुअल सैलरी INR 5-7 LPA से शुरू हो सकता है।