श्रीधर वेम्बू ने दिखाया कि ग्लोबल कंपनी सिर्फ शहर से नहीं, गांव से भी बन सकती है। Zoho Corporation और Arattai ऐप फाउंडर आज देसी टेक्नोलॉजी के सबसे बड़े चेहरे बन चुके हैं।
उनका जन्म 1968 में तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक साधारण परिवार में हुआ। पढ़ाई में शुरू से ही बेहद तेज थे और हमेशा कुछ बड़ा करने का सपना देखते थे।
उन्होंने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। इसके बाद प्रिंसटन यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से मास्टर्स और पीएचडी की पढ़ाई पूरी की है।
श्रीधर वेम्बू ने अमेरिका की Qualcomm कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम किया, लेकिन मन वहां नहीं लगा। उन्हें लगा, अब वक्त कुछ अपना और भारत से टेक्नोलॉजी क्रांति शुरू करने का है।
1996 में श्रीधर ने भाइयों और दोस्त के साथ मिलकर AdventNet नाम से कंपनी शुरू की। बाद में यही कंपनी 2009 में Zoho Corporation बन गई, जो आज Microsoft जैसी दिग्गज को टक्कर दे रही है।
श्रीधर वेम्बू का मानना है, दुनिया का सबसे अच्छा सॉफ्टवेयर गांव से भी बनाया जा सकता है। इसी सोच के साथ उन्होंने Zoho के कई ऑफिस ग्रामीण तमिलनाडु में खोल दिए।
Zoho सिर्फ एक सॉफ्टवेयर नहीं, पूरा बिजनेस प्लेटफॉर्म है। इसमें Zoho Mail, Zoho Meeting समेत कई प्रोडक्ट्स हैं और सबसे खास Arattai App जो भारत का अपना स्वदेशी चैटिंग ऐप है।
यह Zoho का नया इनोवेशन है जो व्हाट्सऐप का देसी विकल्प माना जा रहा है। पूरी तरह से प्राइवेसी-फोकस्ड और इंडियन डेटा-सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स पर बना ऐप है।
2024 में श्रीधर वेम्बू की नेटवर्थ करीब 48,000 करोड़ रु थी। उन्हें पद्मश्री सम्मान मिल चुका है। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है, बिना किसी बाहरी निवेश के Zoho जैसी ग्लोबल कंपनी खड़ी करना।