टॉप 10 कोर्स के बारे में जानें जो इसरो साइंटिस्ट बनने के द्वार खोलते हैं। इन कोर्सेज के माध्यम से आपका वैज्ञानिक बनने का सपना पूरा हो सकता है।
कोर्स स्पेस साइंस में करियर के लिए बेस तैयार करता है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एयरोडायनेमिक्स, स्पेस साइंस, प्रोपल्शन, अंतरिक्ष यान डिजाइन सिद्धांतों को शामिल किया गया है।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मैकेनिकल सिस्टम के डिजाइन, विश्लेषण और निर्माण शामिल हैं, जो अंतरिक्ष यान और उपग्रह प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन सेटेलाइट टेक्नोलॉजी की रीढ़ हैं। यह कोर्स सर्किट, सिग्नल, संचार प्रणालियों का अध्ययन करता है,जो उपग्रह संचार प्रणालियों, पेलोड डिजाइन के लिए जरूरी है।
अंतरिक्ष अभियानों में सॉफ्टवेयर सिस्टम पर बढ़ती निर्भरता के साथ,कंप्यूटर साइंस या आईटी में विशेषज्ञता अमूल्य है। ये कोर्स प्रोग्रामिंग,एल्गोरिदम और सॉफ्टवेयर विकास को कवर करते हैं।
स्पेस साइंस में मास्टर डिग्री एस्ट्रोफिजिक्स, आकाशीय यांत्रिकी और रिमोट सेंसिंग की गहन समझ प्रदान करती है। यह ज्ञान उपग्रह अवलोकन और अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण है।
रिमोट सेंसिंग और जीआईएस डेटा विश्लेषण, मैपिंग और निगरानी के लिए उपयोग की जाने वाली अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अभिन्न अंग हैं।
इसरो में हायर रिसर्च पोस्ट का लक्ष्य रखने वालों के लिए एक पीएच.डी. एस्ट्रोफिजिक्स या प्लेनेटरी साइंस में लाभकारी है।
सेटेलाइट कम्युनिकेशन में सर्टिफिकेशन कोर्स वैज्ञानिकों को संचार प्रोटोकॉल, उपग्रह प्रणाली और नेटवर्किंग में विशेषज्ञता से लैस करते हैं।
ये सर्टिफिकेशन रिमोट सेंसिंग डेटा का उपयोग करके छवि प्रसंस्करण तकनीक, पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन को कवर करते हैं।
अंतरिक्ष मिशन जटिल हैं और परियोजना प्रबंधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि वैज्ञानिक जटिल परियोजनाओं की प्रभावी ढंग से निगरानी और समन्वय कर सकें।