महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पर यूपीएससी में आरक्षण पाने के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स देने का आरोप लगा है। मामले की जांच चल रही है।
पूजा खेडकर को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर आरक्षण नियम के तहत नियुक्ति में रियायत मिली है। यूपीएएसी सेलेक्शन के लिए पूजा ने खुद को गरीब बताया और फर्जी सर्टिफिकेट जमा किये।
पूजा खेडकर की संपत्ति 17 करोड़ है। उनके पास 110 एकड़ एग्रीकल्चर लैंड, 6 प्लॉट और 7 फ्लैट, 900 ग्राम सोना और हीरे, 17 लाख रुपये की सोने की घड़ी, एक ऑडी समेत 4 लग्जरी कारें हैं।
यूपीएससी में सलेक्शन के दौरान पूजा खेडकर ने खुद को दिव्यांग भी घोषित कर दिया। पूजा के दायर हलफनामे के अनुसार बताया गया है कि उन्हें आंखों से कम दिखाई देता है।
ट्रेनी आईएएस ऑफिसर जिसे आंखों से देखने में परेशानी है वह बड़े ही शान से अपनी खुद की ऑडी गाड़ी ड्राइव करती हैं। नियम विरूद्ध सरकारी लोगों और नीली बत्ती भी लगाती है।
आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर ने पुणे कलेक्टरेट में अपनी वीआईपी मांगों और बदमाशियों के कारण सुर्खियों में आईंं।
ट्रेनी रहते हुए ऑफिस रूम, स्टाफ की डिमांड की। एडिशनल कलेक्टर के छुट्टी पर रहते हुए उनके चेंबर पर कब्जा किया।
अब पूजा की सारी सच्चाई सामने आ रही है। यदि उनकी प्रशासनिक सेवा में नियुक्ति के लिये दिये गये आय और विकलांगता वाले डॉक्यूमेंट फर्जी पाये गये तो उनकी आईएएस की नौकरी तक जा सकती है।
पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वह पिस्तौल लेकर किसानों को धमकाती नजर आ रही हैं। जिसके बाद पूरा परिवार जांच के घेरे में आ गया है।