प्रिया रानी छोटे से गांव की लड़की ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास कर IAS बनने का सपना सच किया। उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प अन्य aspirants के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
प्रिया रानी बिहार के एक छोटे से गांव कुर्कुरी, फुलवारी शरीफ की रहने वाली हैं। बचपन में उन्हें पढ़ाई के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा।
उनके दादा ने उनका हौसला बढ़ाया और गांव वालों के विरोध के बावजूद उन्हें बेहतर शिक्षा के लिए पटना भेजा। प्रिया ने पटना में किराये के घर में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की।
प्रिया रानी ने गांव में ही स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, मेसरा (रांची) से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) की डिग्री ली।
इंजीनियरिंग के बाद प्रिया बेंगलुरु में एक प्राइवेट कंपनी में हाई सैलरी पर काम करने लगीं। लेकिन जल्द ही उनका मन सिविल सर्विसेज में करियर बनाने की ओर मुड़ गया।
UPSC की तैयारी के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया, जिसे लेकर उन्हें काफी विरोध भी झेलना पड़ा।
प्रिय ने दूसरी बार प्रयास में भारतीय रक्षा सेवा में जगह बनाई, लेकिन 2023 की UPSC परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 69 हासिल कर उन्होंने IAS बनने का सपना पूरा किया।
प्रिया अपनी सफलता का श्रेय अनुशासन और मेहनत को देती हैं। वह सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई करती थीं। खासकर अर्थशास्त्र पर फोकस किया। इसके लिए NCERT की किताबें और अखबार का सहारा लिया।
प्रिया रानी का मानना है कि शिक्षा सबसे बड़ा धन है और वह युवाओं को यही संदेश देती हैं कि अपने लक्ष्य पर डटे रहें और मेहनत से कभी पीछे न हटें।
प्रिय रानी की यह कहानी दिखाती है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी मेहनत और लगन से हर मंजिल हासिल की जा सकती है।