भारत का रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्कों में से है। रोज करोड़ों लोग सफर करते हैं। उन्हें सुरक्षित और समय पर गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी लोको पायलट्स पर होती है।
देश में अब वंदे भारत, राजधानी जैसी कई हाई स्पीड और टेक्नोलाजी से लैस ट्रेनें चल रही हैं। ऐसे में जानिए वंदे भारत या राजधानी, किस ट्रेन के लोको पायलट की सैलरी सबसे ज्यादा होती है?
वंदे भारत, राजधानी जैसी हाई-टेक ट्रेनों को चलाना बड़ी जिम्मेदारी है। इनके लोको पायलटों को कठिन ट्रेनिंग की जरूरत होती है, इसलिए इनका वेतन सामान्य ट्रेन ड्राइवरों से अधिक होता है।
वंदे भारत देश की सबसे आधुनिक हाई-स्पीड ट्रेन है, जिसे चलाने के लिए एडवांस ट्रेनिंग और तकनीकी महारत चाहिए। इसी कारण वंदे भारत के लोको पायलट की सैलरी आमतौर पर सबसे ज्यादा होती है।
राजधानी एक्सप्रेस के लोको पायलट सैलरी में दूसरे नंबर पर होते हैं। शताब्दी पायलटों की सैलरी राजधानी-वंदे भारत से कम होती है। सैलरी अनुभव, ट्रेनिंग और रूट पर निर्भर करती है।
लोको पायलट बनने की शुरुआत ALP से होती है, इसके लिए 10वीं के साथ ITI जरूरी है। सालों ट्रेनिंग-अनुभव के बाद ही पायलट प्रीमियम ट्रेन संभालने लायक बनता है, फिर जिम्मेदारी मिलती है।