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प्रशांत बी नायर कौन हैं? जानिए गगनयान मिशन के लिए चुने 4 एस्ट्रोनॉट को

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अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले 4 एस्ट्रोनॉट

गगनयान मिशन में अंतरिक्ष भेजे जाने वाले 4 एस्ट्रोनॉट हैं ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालाकृष्णण नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णण, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला।

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चारों एस्ट्रोनॉट भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट

चारों एस्ट्रोनॉट भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं। और ये हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ाने में सक्षम में हैं। हर तरह के फाइटर जेट्स की कमी और खूबी की जानकारी इन्हें पहले से ही है।

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प्रशांत बी नायर

पलक्कड़ के प्रशांत बी नायर भारत के पहले मानवयुक्त स्पेस मिशन गगनयान के लिए चुने गए 4 टेस्ट पायलटों में एक हैं। 

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इंजीनियरिंग के बाद वायु सेना में

नेनमारा के रहने वाले प्रशांत एनएसएस कॉलेज, पलक्कड़ से इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद 1999 में वायु सेना में शामिल हुए।

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सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट

प्रशांत बी नायर को 1998 में ओवर ऑल ट्रेनिंग के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट को दी गई सम्मान की तलवार मिली।

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सुखोई लड़ाकू पायलट ग्रुप कैप्टन

वह एक सुखोई लड़ाकू पायलट ग्रुप कैप्टन हैं और पिछले कुछ वर्षों से भारत के ड्रीम मिशन के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं।

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फर्स्ट रैंक होल्डर

प्रशांत बी नायर यूनाइटेड स्टेट्स एयर फोर्स एयर कमांड और स्टाफ कॉलेज में फर्स्ट रैंक होल्डर भी थे।

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गगनयान तीन दिवसीय मिशन

गगन यान प्रोजेक्ट में अगले साल तक तीन दिवसीय मिशन के लिए 4 मनुष्यों के एक क्रू को 400 किमी की ऑर्बिट में लॉन्च करने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की परिकल्पना की गई है।

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गगनयान मिशन का उद्देश्य क्या है?

गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य LEO के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन शुरू करने के लिए स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करना है।

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गगनयान मिशन क्या है?

इसरो के अनुसार गगनयान प्रोग्राम में अल्पावधि में एलईओ में मानव अंतरिक्ष उड़ान के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है। यह भारतीय मानव अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम की नींव रखेगा।

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