प्रीति सूदन यूपीएससी की नई अध्यक्ष बनाई गई हैं। वह 1 अगस्त से कार्यभार संभालेंगी। 1983 बैच की आईएएस ऑफिसर रह चुकी प्रीति सूदन का कार्यकाल अप्रैल 2025 तक रहेगा।
प्रीति सूदन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब यूपीएससी को ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडेकर द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्ड में कथित हेराफेरी को लेकर चल रहे विवाद का सामना करना पड़ रहा है।
प्रीति सूदन को नई जिम्मेदारी यूपीएससी के अध्यक्ष महेश सोनी के अचानक इस्तीफे के बाद सौंपा गया है, जिन्होंने हाल ही में व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।
आंध्र प्रदेश कैडर से 1983 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति सूदन जुलाई, 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुईं। उनके पास प्रशासन में लगभग 37 वर्षों का अनुभव है।
तीन साल तक केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के रूप में अपने अंतिम कार्यकाल में, विशेष रूप से पिछले छह महीनों में उन्होंने COVID-19 महामारी को संभाला।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग सचिव रहीं,महिला एवं बाल विकास और रक्षा मंत्रालयों में काम किये हैं।राज्य प्रशासन में वित्त और योजना, आपदा प्रबंधन, पर्यटन और कृषि का कार्यभार संभाला।
प्रीति सूदन ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में एम. फिल किया है और सोशल पॉलिसी एंड प्लानिंग में एम.एससी की डिग्री हासिल की है।
वह विश्व बैंक की सलाहकार भी रहीं। डब्ल्यूएचओ के स्वतंत्र पैनल के सदस्य के रूप में कार्य किया। वह 29 नवंबर, 2022 को संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में शामिल हुईं।
उनका कई राष्ट्रीय कार्यक्रमों में योगदान रहा, जिनमें बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, आयुष्मान भारत शामिल है। उनके प्रयासों से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और ई-सिगरेट पर प्रतिबंध जैसे कानून बने।