सीबीआई ने एनईईटी-यूजी पेपर लीक मामले में राकेश रंजन उर्फ रॉकी को पटना से छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया है।
राकेश रंजन उर्फ रॉकी को बिहार नीट यूजी पेपर लीक मामले का मुख्य सरगना माना जा रहा है। राकेश बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला है।
सीबीआई ने छापेमारी के दौरान राकेश रंजन के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट और डॉक्यूमेंट्स भी हासिल किये हैं।
रॉकी पेपर लीक रैकेट के एक अन्य प्रमुख व्यक्ति संजीव मुखिया से भी जुड़ा है, जो दो दशकों से इस घोटाले में शामिल है और फरार है। रॉकी की गिरफ्तारी से नीट मामले का पर्दाफाश हो सकता है।
गुरुवार को राकेश रंजन की गिरफ्तारी के बाद उसे 10 दिन के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया है। नीट मामले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
सीबीआई की जांच के अनुसार एनईईटी पेपर लीक की शुरुआत हजारीबाग स्कूल से होने की संभावना जताई जा रही है। वहां से लीक हुए पेपर रॉकी के माध्यम से बिहार भी पहुंचे।
मामले को ऐसे समझा जा सकता है- नीट यूजी परीक्षा के लिए पेपर के नौ सेट, जो 5 मई को होने वाले थे, सुरक्षित रखने के लिए दो दिन पहले हजारीबाग भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में पहुंच गए थे।
बैंक से दो सेटों को हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में ले जाया गया, जो परीक्षा केंद्र था और स्कूल पहुंचने तक उन पर लगी सील टूट गई थी। जब प्रश्नपत्रों की सील खोली गई रॉकी वहां मौजूद था।
रॉकी ने यहीं प्रश्नों की तस्वीरें लीं और सॉल्वर गैंग के साथ शेयर किया, यह नाम एक संगठित रैकेट का है जो लीक हुए पेपरों के आंसर देता है। फिर पैसे देने वाले कैंडिडेट से शेयर किया गया।