कांग्रेस के ओवरसीज हेड रहे सैम पित्रोदा, जिनका असली नाम सत्या नारायण गंगाराम पित्रोदा है, भारत के टेलीकॉम क्रांति के मुख्य स्तंभ रहे हैं।
सैम पित्रोदा, राजीव गांधी के करीबी सहयोगी रहे हैं और गांधी परिवार के प्रति अपनी वफादारी के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने भारत में टेलीकॉम क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए।
सैम पित्रोदा ने हाल ही में एक बयान में कहा कि चीन से खतरा बहुत बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है। उन्होंने भारत को चीन को दुश्मन मानने से रोकने की बात कही, जो विवाद का कारण बन गया।
बीजेपी ने पित्रोदा के बयान को कांग्रेस की मानसिकता बताया। BJP प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बयान को भारत की प्रतिष्ठा के लिए झटका करार दिया। कहा कि ऐसा लग रहा है भारत ही आक्रामक है।
सत्या नारायण गंगाराम पित्रोदा को पीले क्रांति के पिता के रूप में जाना जाता है। वे एक भारतीय दूरसंचार इंजीनियर और उद्यमी रहे हैं।
सैम पित्रोदा का जन्म 16 नवंबर 1942 को ओडिशा के टिटलागढ़ में हुआ था और वे गुजराती विश्वकर्मा परिवार से हैं। भारत की टेलीकॉम क्रांति में उनके योगदान के लिए वे प्रसिद्ध हैं।
सैम पित्रोदा ने गुजरात में अपनी स्कूलिंग पूरी की और महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
इसके बाद सैम पित्रोदा अमेरिका गए और इलिनॉय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, शिकागो से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की।
पीएम राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे, पित्रोदा के बयान से भले ही विवाद खड़ा हुआ हो, लेकिन गांधी परिवार के प्रति वफादारी से वह हमेशा ही कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सैम पित्रोदा इससे पहले भी अपने बयानों के कारण कई बार विवादों में आ चुके हैं।