कई बार लोग कमजोर समझकर दूसरों का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन कुछ लोग अपनी मेहनत और हौसले से ऐसा जवाब देते हैं कि दुनिया देखती रह जाती है। IAS इरा सिंघल की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
दिव्यांगता के कारण लोग तंज कसते थे, कहते थे- जो खुद चल नहीं सकती, वो यूपीएससी क्या निकालेगी? लेकिन इरा ने न सिर्फ यह परीक्षा पास की, बल्कि साल 2014 की UPSC टॉपर बन इतिहास रच दिया।
इरा सिंघल का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ। उनकी शुरुआती पढ़ाई सोफिया गर्ल्स स्कूल, मेरठ से हुई। बाद में उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया।
उन्होंने सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक की डिग्री हासिल की और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से MBA किया।
इरा स्कोलियोसिस (Scoliosis) नामक बीमारी से पीड़ित हैं, जिससे उनकी रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है, लेकिन उन्होंने इसे कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।
इरा सिंघल के लिए UPSC की राह आसान नहीं थी। 20214 में टॉप करने से पहले उन्होंने 2010, 2011, 2013 में भी UPSC परीक्षा पास की, लेकिन दिव्यांगता की वजह से उन्हें पोस्टिंग नहीं मिली।
इरा सिंघल ने UPSC निकालने के बाद भी पोस्टिंग न दिए जाने के फैसले को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में चुनौती दी और 2014 में फैसला उनके पक्ष में आया।
UPSC की तैयारी के दौरान कई लोगों ने इरा को हतोत्साहित किया। कहा- तू ठीक से चल नहीं सकती, अफसर कैसे बनेगी? लेकिन इरा ने 2014 में देशभर में पहला स्थान हासिल कर सबको करारा जवाब दिया।
सबसे बड़ी बात है कि इरा सिंघल ने UPSC की परीक्षा पास करने या अफसर बनने के लिए किसी आरक्षण कैटेगरी या विकलांग्ता श्रेणी का फायदा नहीं उठाया। बल्कि जनरल केटैगरी में टॉपर बनी।
इरा बचपन से ही DM (District Magistrate) बनने के सपने देखती थीं। उन्हें लगता था कि एक बड़े पद पर बैठकर ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है।
शुरुआत में इरा ने कोको कोला, कैडबरी इंडिया जैसी प्राइवेट कंपनियों में कुछ समय काम किया, लेकिन संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने ठान लिया कि उन्हें UPSC पास कर प्रशासनिक सेवा में जाना है।
Women's Day 2025 पर IAS इरा सिंघल की कहानी हर उस लड़की और महिला के लिए एक मिसाल है, जिसे कभी कमजोर समझा गया हो।