शर्म, हया, लिहाज अब बॉलीवुड में रही नहीं, यहां वो सब्जेक्ट ही सबसे ज्यादा डिमांड में होता है, जो विवादित है। जिस पर सामाज की त्योरियां चढ़ जाती हैं।
पूरी तरह से कॉमर्शियल हो चुके सिनेमा की मनमर्जी पर लगाम लगाने के लिए सेंसर बोर्ड अपनी कैंची लिए बैठा रहता है। यहां हम ऐसी ही विवादित मूवी के बारे में आपको बता रहे हैं।
समलैंगिक ( lesbian) रिश्तों पर बेस्ड दीपा मेहता की मूवी फिल्म 'फायर' 1996 में रिलीज हुई थी, इसमें शबाना आजमी और नंदिता के नाम राधा और सीता थे। इसपर खूब बवाल मचा था।
रत्ना पाठक और कोंकणा सेन की इस मूवी पर मुस्लिम संगठनों ने खूब हंगामा मचाया था। भारी विरोध और गंदी लैंग्वेज की वजह से इसे बैन कर दिया गया था।
अश्लीलता ही नहीं, फिल्मों में विकृत हिंसा के लिए भी फिल्मों को बैन किया जा चुका है। पुणे में जोशी-अभ्यंकर सीरियल मर्डर पर बेस्ड 2003 की मूवी 'पांच' 1 को भी बैन कर दिया गया था।
समलैंगिक रिश्तों पर 'द पिंक मिरर' को भी सेंसर बोर्ड ने रेड कार्ड दिखाया था। साल 2003 में बनी इस मूवी में भर-भरकर बोल्ड सीन फिल्माए गए थे।
डार्क शैड कॉमेडी मूवी थी । हालांकि इसमें डबल मीनिंग वर्ड, बेहद अश्लील डायलॉग की वजह से इसे बैन कर दिया गया था।
वात्स्यायन के कामसूत्र पर बेस्ड फिल्म को मीरा नायर ने डायरेक्ट किया था। सेंसर बोर्ड ने इसे एडल्ट कैटेगिरी में भी सर्टिफिकेट देने पर आपत्ति जताई थी।