वर्ल्ड म्यूजिक डे के मौके पर आपको बॉलीवुड की सबसे मशूर संगीतकार जोड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 90 के दशक में अपने संगीत से गदर मचाया था।
90 के दशक की ज्यादातर फिल्मों में नदीम-श्रवण का संगीत हुआ करता था। कहा जाता है कि जिस फिल्म में वे संगीत दे दें, वो बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर हो जाती थी।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नदीम-श्रवण ने 1979 में भोजपुरी फिल्म दंगल से डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कुछ हिंदी फिल्मों में संगीत दिया, पर खास पहचान नहीं बना पाए।
नदीम-श्रवण की जोड़ी को 1990 में आई फिल्म आशिकी से पहचान मिली। इस फिल्म के गाने सुपरहिट रहे। इनकी जोड़ी टी सीरीज के गुलशन कुमार की पसंदीदा जोड़ी बन गई। तीनों ने साथ मिलकर काम किया।
बॉलीवुड की कई फिल्मों में बेहतरीन संगीत देने वाली नदीम-श्रवण की जोड़ी का उस वक्त पतन शुरू हुआ जब नदीम का नाम गुलशन कुमार हत्याकांड में सामने आया।
बताया जाता है कि 1997 में नदीम सैफी पर गुलशन कुमार की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा। 2002 में सबूत नहीं मिलने के कारण अदालत ने मामले को रद्द किया।
नदीम पर गुलशन कुमार की हत्या की साजिश करने के आरोपों के बाद नदीम-श्रवण की जोड़ी भी टूट गई। 2005 में दोनों ने अपनी-अपनी राहें अलग कर ली।
गिरफ्तारी के डर से नदीम सैफी लंदन गए तो वापस ही नहीं लौटे। वहीं, श्रवण राठौर से मिलने में भी फिल्म इंडस्ट्री के लोग घबराने लगे और धीरे-धीरे उनका करियर बर्बाद हो गया।
श्रवण राठौर ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया और अपने बेटों संजीव-दर्शन की जोड़ी को आगे बढ़ाने में बिजी हो गए। कोरोना काल में श्रवण का 2021 में निधन हो गया।