Bollywood

11 साल नहीं मिला काम, आर्थिक संकट में पहुंचे तो बेचना पड़ा घर का सामान

Image credits: Social Media

रणदीप हुड्डा का शॉकिंग खुलासा

अभिनेता रणदीप हुड्डा ने एक बातचीत के दौरान चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनकी मानें तो उनकी लाइफ में एक दौर ऐसा आया था, जब आर्थिक संकट से जूझ रहे थे।

Image credits: Social Media

11 साल रणदीप हुड्डा के पास नहीं था काम

रणदीप हुड्डा ने ह्युमन ऑफ़ बॉम्बे से बातचीत में अपने बुरे दौर के बारे में बात की। उन्होंने कहा, "बीते 23 सालों में 11 साल ऐसे थे, जब मैं सेट पर नहीं गया।"

Image credits: Social Media

रणदीप हुड्डा के पास पैसे नहीं बचे थे

बकौल रणदीप हुड्डा, "कई बार मेरे पास पैसा नहीं होता था और मैं नहीं जानता था कि मैं आगे क्या करने वाला हूं। मैंने अपने घर की हर चीज़ बेच दी थी।"

Image credits: Social Media

रणदीप हुड्डा ने अपने घोड़े कभी नहीं बेचे

रणदीप हुड्डा कहते हैं, "मैंने कार, माइकोवेब सब कुछ बेच दिया। लेकिन अपने घोड़े कभी नहीं बेचे। एक अरबी कहावत है- अपनी तनख्वाह बढ़ाओ, खर्चा कम करने से कुछ नहीं होगा।"

Image credits: Social Media

एक बार घोड़ा बेच दिया था : रणदीप हुड्डा

बकौल रणदीप, "एक बार मैंने अपना घोड़ा रणजी कुछ पैसों के लिए बेच दिया था। मैंने इसे वापस नहीं ले सका। मैंने चैक लौटा दिया और अपना घोड़ा वापस ले लिया।"

Image credits: Social Media

बैटल ऑफ़ सारागढ़ी के लिए की थी मेहनत

रणदीप ने कहा, "बैटल ऑफ़ सारागढ़ी के लिए मैंने पूरी सीख दाढ़ी बढ़ाई थी। गतका की तैयारी की थी, लेकिन फिल्म पूरी नहीं हुई। यह मेरी जिंदगी का सबसे लो फेज था और मैंने बेहद डिप्रेशन में था।"

Image credits: Social Media

गुरुद्वारा जाकर माफ़ी मांगी

रणदीप कहते हैं, "ऐसा लगा जैसे मेरी आधी जिंदगी कट गई, क्योंकि मुझे इसे छोड़ना पड़ा। मैंने एक्सट्रैक्शन लगभग छोड़ दिया था। लेकिन मैं गुरुद्वारा गया और क्षमा याचना की।"

Image credits: Social Media

गुरुग्रन्थ साहब की कसम खाई थी

रणदीप ने आगे कहा, "मैंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में गुरुग्रन्थ साहिब की कसम खाई थी कि सिखों ने इतने बलिदान किए हैं। इसलिए जब तक फिल्म पूरी नहीं हो जाती, अपने केश नहीं कटवाऊंगा।"

Image credits: Social Media

तीन साल नहीं था कोई काम

रणदीप के मुताबिक़, उन्होंने मूव ऑन किया। वे कहते हैं, "इसके (बैटल ऑफ़ सारागढ़ी) बाद 3 साल तक मेरे पास काम नहीं था। मेरा वजन बढ़ गया था। इसलिए मैंने एक वक्त पर एक ही स्टेप को सही समझा।"

Image credits: Social Media

रणदीप हुड्डा के पैरेंट्स चिंता में थे

रणदीप हुड्डा ने यह भी बताया कि जब उनके पास काम नहीं था तो उनके पैरेंट्स चिंता में पड़ गए थे। उन्होंने उनसे फिर कभी ऐसा ना करने का वादा लिया था।

Image credits: Social Media