सब्यसाची मुखर्जी भारत के टॉप फैशन डिजाइनरों में शुमार हैं। 25 जनवरी को उन्होंने फैशन जगत में 25 साल पूरे होने का जश्न मनाया है।
सब्यसाची मुखर्जी के पिता बांग्लादेश से भारत आए शरणार्थी थे, वे जूट का व्यवसाय करते थे, लेकिन प्लास्टिक ने इस धंधे को बर्बाद कर दिया।
सब्यसाची के पिता बेरोजगार हो गए, उनका बचपन बेहद तंगहाली में बीता। वे गृहनगर चंदननगर से कोलकाता आ गए। यहां आकर उन्हें पेरिस जैसी फीलिंग हुई।
सब्यसाची मुखर्जी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे अपनी लाइफ से इतने निराश हो गए थे कि उन्होंने सुसाइड करने की भी कोशिश की, फिर मां ने उन्हें इस डिप्रेशन से निकाला।
सब्यसाची मुखर्जी ने फैशन की दुनिया में हाथ आजमाया, इसके बाद तो उनके डिजाइन कपड़ों की डिमांड बढ़ती चली गई। वे जल्द ही ट्रेंडसेटर बन गए हैं।
सब्यसाची के डिजाइनर कपड़े हर शादी और फंक्शन की डिमांड बन गए। भारत ही नहीं दुनियाभर में सब्यसाची ब्रांड ने अपनी पैठ जमा ली ।
साल 2021 में आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (एबीएफआरएल) ने ₹398 करोड़ में उनके ब्रांड में 51% हिस्सेदारी हासिल कर ली।
द वीक की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में सब्यसाची ब्रांड का कारोबार बढ़कर ₹500 करोड़ होने का अनुमान है।
सब्यसाची द्वारा डिजाइन ज्वेलरी से हर साल ₹150-175 करोड़ की कमाई होती है, और उनके हैंडबैग से ₹60 करोड़ से अधिक की कमाई होती है।
सब्यसाची ने 2030 तक अपने फैशन एम्पायर को 2 अरब डॉलर का टारगेट तय किया है। जो मौजूदा दर पर 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का होगा।