सुशांत सिंह राजपूत अपनी बी-टेक की डिग्री कंप्लीट करना चाहते थे। उन्होंने मौत से 4 महीने पहले ही इसके लिए दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज से संपर्क किया था।
सुशांत का सपना था कि अगर कभी उनकी बायोग्राफी बनें तो वे उसमें लीड रोल निभाएं। खुद सुशांत ने 'एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी' के एक प्रमोशनल इवेंट में यह कहा था।
सुशांत सिंह राजपूत की ख्वाहिश दुनिया के सबसे ठंडे रेगिस्तान अंटार्कटिका जाने की थी। फिल्म 'छिछोरे' के बाद वे यह सपना पूरा करना चाहते थे।
सुशांत ने अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट में 50 सपनों का जिक्र किया था, जिनमें 39 अधूरे रह गए थे। इनमें एक सपना उनका मार्स कोड सीखने का भी था।
सुशांत का सपना था कि वे 100 बच्चों को नासा या इसरो की वर्कशॉप में भेजें। वे खुद भी नासा की वर्कशॉप अटेंड करना चाहते थे।
सुशांत सिंह राजपूत की एक ख्वाहिश यह भी थी कि वे एक सप्ताह तक चांद, मंगल, बृहस्पति और शनि गृह को उनकी कक्षा में घूमता देखें।