14-25 मई के बीच होने जा रहे कान्स फिल्म फेस्टिवल में भारत की ओर से 1976 की फिल्म 'मंथन' को शामिल किया गया है। यह फिल्म कान्स फिल्म फेस्टिवल में मौजूद दुनियाभर के दर्शक देखेंगे।
मंथन भारत की पहली क्राउड फंडेड फिल्म है। बताया जाता है कि इस फिल्म के निर्माण के लिए प्रोड्यूसर के पास पर्याप्त राशि नहीं थी। जबकि इस फिल्म का बजट 10-12 लाख रुपए था।
इस फिल्म के निर्माण के लिए 5 लाख किसान आगे आए थे और हर एक ने इसमें 2-2 रुपए का योगदान दिया था। मंथन के लिए निर्माण के बजट का पूरा योगदान उन 5 लाख किसानों ने दिया था।
'मंथन' की कहानी श्वेत क्रांति के नाम से मशहूर वर्गीस कुरियन के मिल्क कोऑपरेटिव मूवमेंट पर आधारित है, जिसने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बनाया और अमूल ब्रांड को जन्म दिया।
श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी 'मंथन' में गिरीश कर्नाड, कुलभूषण खरबंदा, स्मिता पाटिल, नसीरुद्दीन शाह, मोहन अगाशे, अनंत नाग और अमरीश पुरी जैसे स्टार्स की अहम् भूमिका है।
'मंथन' को 1977 में हिंदी में बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड मिला था। वहीं, विजय तेंदुलकर को इस फिल्म के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवॉर्ड भी दिया गया था।
भारत की ओर से 'मंथन' को एकेडमी अवॉर्ड यानी ऑस्कर के लिए 1976 की बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म की कैटेगरी में भी भेजा गया था। हालांकि, यह अवॉर्ड से चूक गई थी।