जावेद अख्तर (Javed Akhtar) भारत में Uniform Civil Code के विरोधी नहीं है। बीते साल 2023 में उन्होंने कहा था कि वे भी चाहते हैं कि यूसीसी आना चाहिए।
द वायर को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा था कि वे खुद यूनिफॉर्म सिविल कोड के बड़े सपोर्टर हैं। लेकिन उनके कुछ अपने तर्क हैं।
जावेद अख्तर ने कहा था कि केंद्र सरकार को पहले Uniform Civil Code का ड्राफ्ट सभी के सामने रखना चाहिए।
शोले फिल्म के राइटर जावेद अख्तर ने कहा था कि महिलाओं की रिस्पेक्ट और gender equality को वो बेहतर समझते है, इसे फिक्स किए जाने की भी जरुरत है।
करण थापर (Karan Thapar) के साथ इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा कि यूसीसी का ड्राफ्ट नेताओं की बजाए एक्सपर्ट्स को रेडी करना चाहिए ।
जावेद अख्तर ने ड्राफ्ट तैयार होने के बाद देश के हर वर्ग के साथ इसे डिस्कस करने के बाद ही लागू किया जाना चाहिए।
जावेद अख्तर कहते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड का आइडिया बीजेपी या पीएम नरेंद्र मोदी का नहीं है। ये तो Constitution में पहले से मौजूद है।
जावेद अख्तर ने कहा कि वे पहले ही यूनिफॉर्म सिविल कोड केमुताबिक जी रहे हैं। मैंने अपनी पत्नी को लंबे समय तक गुजारा भत्ता दिया। हालांकि मुझे केवल 4 महीने का ही भरण पोषण देना चाहिए था
जावेद अख्तर ने कहा कि मैंने अपनी बेटी और बेटे में संपत्ति को बराबर-बराबर बांटा है। ये भी समान नागिरक संहिता के अनुकूल है।