कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' पर विवाद छिड़ा हुआ है। फिल्म पर सिख इतिहास के साथ छेड़छाड़ और इसे गलत तरीके से दिखाने आरोप लगा है। जानिए विवादित बैन फिल्मों के बारे में...
दीपा मेहता निर्देशित इस फिल्म में समलैंगिक (लेस्बियन) संबंधों के बारे में बताया गया है। शबाना आज़मी और नंदिता दास के बीच सेक्स सीन है। फिल्म को प्राइम वीडियो पर देखा जा सकता है।
इरोटिक थीम और सेक्शुअल कंटेंट के चलते यह फिल्म भारत में कभी रिलीज नहीं हो पाई। हालांकि, मीरा नायर निर्देशित यह फिल्म प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।
पंकज आडवाणी निर्देशित इस फिल्म को अश्लील संवादों के चलते थिएटर्स में रिलीज करने की इजाजत नहीं मिली।
श्रीधर रंगायन निर्देशित यह फिल्म वल्गर और आपत्तिजनक कंटेंट की वजह से सिनेमाघरों तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि, यह प्राइम वीडियो पर देखी जा सकती है।
अनुराग कश्यप के निर्देशन वाली इस फिल्म में हिंसा और ड्रग्स के दुरुपयोग के सीन और स्ट्रॉन्ग कंटेंट का इस्तेमाल किया गया था। CBFC ने इसे इसी वजह से बैन कर दिया था।
यह बंगाली फिल्म है, जिसका निर्देशन कौशिक मुखर्जी ने किया है। फिल्म में सेक्स, ड्रग्स और न्यूडिटी के इस्तेमाल के चलते इसे बैन कर दिया गया था।
इस फिल्म की कहानी कश्मीर के एक फुटबॉलर और उसके आतंकी पिता के बारे में है। सेंसर बोर्ड ने संवेदनशील मुद्दे का हवाला देते हुए इस फिल्म को बैन कर दिया था।
अश्विन कुमार निर्देशित इस फिल्म की कहानी हाउली नाम के लड़के की है, जो देहरादून के दून स्कूल में जिंदगी समझने की कोशिश करता है। दून स्कूल की आपत्ति के बाद फिल्म बैन कर दिया गया था।
राज अमित कुमार निर्देशित यह फिल्म समलैंगिक संबंधों के बारे में है। आदिल हुसैन- विक्टर बनर्जी की इसमें मुख्य भूमिका है। विवादित कंटेंट और बोल्ड सीन के चलते यह कभी रिलीज नहीं हो पाई।
गुलजार निर्देशित इस फिल्म पर इंदिरा गांधी से प्रेरित होने का आरोप लगा था और इसे बैन कर दिया गया था। 1978 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान यह TV पर रिलीज हुई थी।
अमृत नाहटा निर्देशित यह फिल्म इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गान्धी पर व्यंग्य थी। तत्कालीन इंदिरा सरकार ने इस पर बैन लगा दिया था और इसके प्रिंट तक जलवा दिए गए थे।
विमुक्ति जयसुन्दरा निर्देशित इस फिल्म में पाउली डैम ने पूरी तरह न्यूड सीन दिया था। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पार्थो सेन गुप्ता ने फिल्म का डायरेक्शन किया था। सेंसर बोर्ड इस फिल्म में कई कट लगाना चाहता था, लेकिन मेकर्स इसके लिए तैयार नहीं हुए और फिल्म बैन हो गई।
संतोष बाबूसेनन-सतीश बाबूसेनन निर्देशित यह फिल्म मलयालम में बनी। फिल्म की कहानी एक बूढ़े आदमी और जवान लड़की के प्यार की है, जिस पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जताते हुए इए बैन कर दिया था।
सुधांशु सरिया निर्देशित यह फिल्म समलैंगिक संबंधों के बारे में है। इसमें कई सेक्स सीन हैं। सेंसर बोर्ड ने इसे रिलीज की इजाजत नहीं दी। 2017 में इसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया ।