अगर सही सांचे में डालो तो रोशनी देने वाले दीपक बन जाएंगे, अगर गलत साब्चे में डालो तो खूब बहाने वाली तलवार बन जाएंगे।
राज्य जलाए जाते हैं परंपरा बढ़ाने के लिए, खानसार बनाया गया है सिर्फ एक चीज़ फैलाने के लिए...दहशत....। मैंने अभी तक डर बनाए रखा ही, आगे कोई चुनौती ना रह जाए
उसे लेके तेरा बाप सरदार बना तो उसे जीतना नहीं कहते...
.खानसार का निबंधन। उस किताब में एक नियम सबसे खास है बनवान का ही राज्य बलवान की ही कुर्सी।
खानसार में कैल्कुकेटर रखकर कुछ भी कैल्कुकेट नहीं कर सकते। इसलिए जो कैल्कुकेट ही ना हो पाए, ऐसा पागल लाया हूं।
मेरी बची हुई इतनी सी इज्ज़त छिन जाए, उसका भी डर नहीं है। मुझे डर है तो सिर्फ अपने भाई का। उस कभी कुछ नहीं होना चाहिए। उसकी हिफाजत तुझे करनी है।
अब देखेगा...तेरे बाप का बाप आया है...