पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में ए दुकानदार आज भी मात्र 1 रुपये में सादा पराठा बेचते हैं। यह पहल खासतौर पर गरीब, मजदूर और जरूरतमंद लोगों के लिए है।
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30 साल पुरानी परंपरा
बंगाल के हुगली जिले में मणिक सरकार नाम के एक पराठा विक्रेता हैं, जो आज भी अपने पिता की 30 साल पुरानी विरासत को आगे बढ़ाते हुए सिर्फ 1 रुपये में बड़े और स्वादिष्ट पराठे बेचते हैं।
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मुनाफा नहीं, सेवा है मकसद
दुकानदारों का कहना है कि उनका उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि कोई भी भूखा न सोए- इसी सोच के साथ वे आज भी 1 रुपये में पराठा बेच रहे हैं।
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सादा लेकिन पेट भरने वाला स्वाद
ये पराठे बेहद सादे होते हैं-बिना भरावन, हल्के तेल में बने-लेकिन स्वादिष्ट और पेट भरने वाले होते हैं। कई लोग इसे सब्जी या चाय के साथ खाते हैं।
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महंगाई के दौर में इंसानियत की मिसाल
जब हर चीज की कीमत बढ़ रही है, ऐसे में हुगली का यह 1 रुपये का पराठा इंसानियत, संवेदना और सामाजिक जिम्मेदारी की एक खूबसूरत मिसाल बन गया है।