लंगड़ा से तोतापारी और चौसा तक, जानें आम के अजीबो-गरीब नामकरण कैसे हुए?
Food May 22 2025
Author: Chanchal Thakur Image Credits:Pinterest
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दशहरी – गांव का नाम बन गया आम की पहचान
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के पास एक गाँव है – दशहरी।
वहीं पर एक खास आम की किस्म सबसे पहले उगाई गई थी।
तब से इसे कहा जाने लगा – दशहरी आम, और ये आज भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
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लंगड़ा आम – जब आम बोला, मैं दौड़ नहीं सकता!
काशी के एक लंगड़े व्यक्ति के बाग में यह खास किस्म का पेड़ था। आम इतना स्वादिष्ट था कि धीरे-धीरे उसे "लंगड़ा का आम" कहा जाने लगा, और फिर नाम बन गया – लंगड़ा आम।
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तोतापरी – तोते की चोंच जैसा नुकीला!
इस आम की खास पहचान है – इसका लंबा, नुकीला सिरा।
लोगों को यह तोते की चोंच जैसा लगता है।
इसी वजह से इस आम को कहा गया तोतापरी, यानी तोते जैसा चेहरा वाला आम।
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केसर – रंग और खुशबू में छुपा है नाम
गुजरात के गिर क्षेत्र का यह आम जब पका, तो उसका रंग और खुशबू केसर (saffron) जैसी थी।
तब के नवाबों और बागवानों ने इसका नाम रख दिया – केसर, क्योंकि इसका स्वाद और रंग दोनों ही शाही थे।
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हापूस – पुर्तगालियों की सौगात
इसका असली नाम है Alphonso, जो एक पुर्तगाली गवर्नर 'अल्फोंसो डे अल्बुकर्क' के नाम पर रखा गया था।
कोंकण में जब यह आम पहुंचा, तो लोग इसका उच्चारण “हापूस” करने लगे, और यही नाम चल पड़ा।
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चौसा – युद्ध से निकला स्वाद
शेरशाह सूरी ने चौसा (बिहार) की लड़ाई में जीत के बाद, यहां के एक खास आम को खाया और कहा –