जगन्नाथ मंदिर में 1100 साल पुरानी दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है। जहां हर दिन भगवान के भोग सहित 1 लाख से ज्यादा लोगों के लिए खाना बनाया जाता है।
जगन्नाथ मंदिर में 6 बार भगवान जगन्नाथ को भोग लगाया जाता है। इस दौरान जगन्नाथ जी को कुल 56 तरह के पकवान भोग में चढ़ाएं जाते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भगवान जगन्नाथ को दलमा भोग लगाने का अनुरोध किया था। इसे दाल और सब्जियों से बनाया जाता है। इसमें एक बूंद भी तेल नहीं डाला जाता है।
संतोला एक मिक्स सब्जी है, जो रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को भोग स्वरूप चढ़ाई जाती है। इसे चावल और रोटी के साथ खाया जाता है।
जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को शुद्ध देसी घी में दाल चावल के साथ बनी खेचड़ी भी भोग के रूप में चढ़ाई जाती है।
पोड़ा पीठा एक मिठाई है जो भगवान जगन्नाथ को बेहद प्रिय होती है। इसे चावल के आटे, नारियल, काले चने, गुड़ और इलायची से बनाया जाता है, जो एक पैनकेक की तरह दिखता है।
छेना पोड़ा भी एक स्वीट डिश है। जिसे कई घंटों तक पनीर और कैरेमलाइज्ड शुगर के साथ पकाया जाता है। यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है और जगन्नाथ भगवान को जरूर भोग में लगाई जाती है।
जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को 56 तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं, जिसे बाद में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।