सेब में मौजूद फाइबर, खासकर सॉल्युबल फाइबर (पेक्टिन), खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। इससे BP कंट्रोस में रहता है।
सेब में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है। फेफड़े, ब्रेस्ट और कोलन कैंसर के लिए सेब फायदेमंद होता है।
सेब में फ्लैवोनॉइड्स और क्वेरसेटिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो फेफड़ों की सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। यह अस्थमा के खतरे को कम करता है और श्वसन तंत्र को सुधारता है।
सेब में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर करते हैं। यह न्यूरोलॉजिकल समस्याओं जैसे अल्जाइमर, पार्किंसन्स जैसी बीमारियों से बचाव करता है।
जिन लोगों को इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) की समस्या है, उन्हें सेब से सावधान रहना चाहिए। सेब में फ्रुक्टोज नामक शर्करा होती है, जो गैस, पेट फूलना और असहजता पैदा कर सकती है।
कुछ लोगों को सेब से एलर्जी हो सकती है, जिसे ओरल एलर्जी सिंड्रोम कहते हैं। इससे मुँह, होंठ, गले और त्वचा में खुजली या सूजन हो सकती है। ऐसे लोग सेब खाने से बचें।
सेब को भोजन के तुरंत बाद खाने से पाचन प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है। सेब को भोजन के कम से कम 1-2 घंटे बाद या भोजन से पहले खाना बेहतर होता है।