लिट्टी बिहार और उत्तर प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों में से एक है। यह गेहूं के आटे से बनी एक गोल रोटी जैसी होती है, जिसके अंदर सत्तू (भुने चने का आटा) और मसालों का भरावन होता है।
लिट्टी बनाने के बाद उसे आलू, बैंगन के चोखे के साथ परोसें, साथ ही थोड़ा घी और अलग से नमक, मिर्च और लहसुन की चटनी भी परोसें। इन चीजों के साथ लिट्टी का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।
लिट्टी को आग या तंदूर में सेंका जाता है और इसे घी में डुबोकर परोसा जाता है। इसे खास बनाती है सत्तू की भरावन, जिसमें मसाले और सरसों का तेल मिलाया जाता है।
सॉफ्ट लिट्टी के लिए आप आटे में थोड़ा सा घी या मक्खन मिला सकते हैं, साथ ही आटे को अच्छे से गूंथकर थोड़ा समय तक ढककर रख सकते हैं। इससे लिट्टी नरम और फूली हुई बनेगी।
घी या मक्खन मिलाने के अलावा लिट्टी के आटा को आप जितना सख्त गूथेंगी, लिट्टी उतना स्वादिष्ट और खस्ता बनेगा।
लिट्टी बनाते वक्त उसे हमेशा धिमी आंच पर सेंके, इसे सेंकते वक्त आंच ज्यादा न रखें, नहीं तो लिट्टी बाहर से जली हुई और अंदर से कच्ची रहेगी।