रोटी कोअलग-अलग नाम से जाना जाता है। महाराष्ट्र में इसे चपाती कहते हैं कहीं फुलका तो कहीं रोटी कहा जाता है। लेकिन इनमें अंतर क्या होता है आइए हम आपको बताते हैं-
रोटी बनाने के लिए थोड़ा सख्त आटा गूंथा जाता है, जबकि चपाती बनाने के लिए आटे को थोड़ा गीला और नरम रखा जाता है।
चपाती के लिए चका बेलन का इस्तेमाल नहीं किया जाता, इसका आता नरम होता है इसलिए हाथ से थपथपाकर चपाती को पतला किया जाता है। वहीं, रोटी को बनाने के लिए पलथन लगाकर बेलन से बेला जाता है
रोटी को आधा तवे पर सेकने के बाद गैस की फ्लेम पर पकाया जाता है, जबकि चपाती को तवे पर आधा पकने के बाद उसमें घी या तेल लगाकर तवे पर ही सेंका जाता है।
अमूमन रोटी थोड़ी सी मोटी बनाई जाती है, जबकि चपाती ना तो बहुत मोटी होती है और ना ही बहुत पतली इसे मीडियम मोटाई में बेला जाता है।
रोटी और चपाती दोनों ही सेहत के लिहाज से फायदेमंद होती हैं। इसमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी होती है।
रोटी को बनाने के लिए गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा जैसे आटे का इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि चपाती को अमूमन गेहूं के आटे से ही बनाया जाता है।