फ्रेंच फ्राइज भले ही आलू से बनते हैं, लेकिन इन्हें बनाने के लिए तेल में तलने से इनका कैलोरी और फैट कंटेंट काफी बढ़ जाता है। इससे वजन बढ़ने और हार्ट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
अक्सर लोग जूस को हेल्दी मानते हैं। लेकिन अगर इसे ज्यादा मात्रा में और चीनी मिलाकर सेवन किया जाए तो यह आपके बॉडी के शुगर लेबल को अप कर सकता है। आप डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं।
मैदे से बनी चीजें भी सेहत के लिए खराब होती है। इसमें फाइबर की कमी होती है। ये शरीर में जल्दी से शुगर में बदल जाते हैं, जिससे वजन बढ़ने और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
वैसे तो आटा-चावल को हेल्दी माना जाता है। लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा में सेवन भी मोटापे का शिकार बना सकती है। ज्यादा कार्ब वाला खाना भी सही नहीं होता है।
फ्रूट योगर्ट में फलों के नाम पर बहुत ही कम मात्रा में फल होते हैं, लेकिन चीनी और प्रिज़र्वेटिव्स की मात्रा ज्यादा होती है। इससे वजन बढ़ने और अन्य हेल्थ प्रॉबलम्स हो सकता है।
सोया एक अच्छा प्रोटीन स्रोत है, लेकिन ज्यादा मात्रा में इसका सेवन हॉर्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है। इसके प्रोसेसिंग में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स भी सेहत सही नहीं होते हैं।
लोगों के घरों में सॉस धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है। लेकिन इसमें भी शुगर और ऑयल की मात्रा ज्यादा होती है। जो बॉडी के लिए काफी खतरनाक होता है।
मार्गरीन एक वेजिटेरियन विकल्प हो सकता है, लेकिन इसमें ट्रांस फैट्स होते हैं, जो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं। इसे प्राकृतिक मक्खन के बजाय कच्चे तेल से बनाया जाता है।
पोटैटो चिप्स में नमक और ट्रांस फैट्स की मात्रा अधिक होती है, जो दिल की बीमारियों, उच्च रक्तचाप और वजन बढ़ाने का कारण बन सकते हैं।
नमकीन और बिस्कुट भारतीय घरों का अहम हिस्सा है। लेकिन ये दोनों सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। बिस्कुट में शुगर और मैदा होता है। वहीं नमकीन को तेल में छाना जाता है।