इस आसन को करने के लिए बॉडी फ्लेग्जिबिलिटी होने जरूरी है। 5 से 20 मिनट तक इस पोज को होल्ड करके रखा जाता है इस योगा को करने पर तनाव से छुटकारा और शरीर को आराम का एहसास होता है।
पीठ के निचले हिस्से में ढीलापन न आने दें। जैसे ही आप फर्श का अपोजिट करते हैं और संतुलन तलाशते हैं, अपना पेट अंदर और ऊपर खींचें। इससे रीढ़ की हड्डी को लंबा करने में मदद मिलती है।
हनुमानासन मांसपेशियों की ताकत, लचीलेपन, चपलता और सहनशक्ति में सुधार करता है। ये कूल्हे और पैर की चोट के जोखिम को कम कर सकता है और मांसपेशियों को टोन करने में मदद करता है।
उत्थिता हस्त पदंगुष्ठासन एकाग्रता और मांसपेशियों और तंत्रिका संतुलन में सुधार करने में मदद करता है। यह हैमस्ट्रिंग, कूल्हों और पैर की मांसपेशियों को टोन करने में मदद कर सकता है।
नटराजासन का अभ्यास करने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। यह तनाव और वजन कम करने में मदद कर सकता है। यह एकाग्रता और मुद्रा को बेहतर बनाने में सही है।
इस तरह के ट्विस्टेड पोज हमेशा कमर, पैर और हाथ के लिए सुपर बेस्ट रहते हैं। इससे आप पतली कमर भी पा सकती हैं और ये कमाल लगता है।