गुड़ और तिल खाने से शरीर में गर्माहट और एनर्जी मिलती है। गुड़ में गर्माहट पैदा करने वाली तासीर होती है। वहीं तिल में हेल्दी फैट और हाई कैलोरी पाई जाती है।
गुड़ में आयरन और जिंक जैसे कई विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं। तिल में भी एंटीऑक्सीडेंट समेत कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।
गुड़ और तिल दोनों अच्छे आयरन के सोर्स हैं। शरीर में आयरन की कमी को दूर करते हैं और एनीमिया की रोकथाम का काम करते हैं। बेहतर ब्लड फ्लो को बढ़ावा देते हैं।
गुड़ में पाचन गुण होते हैं और इसका उपयोग अक्सर कब्ज से राहत पाने के लिए किया जाता है। तिल के बीज में फाइबर होता है। यह भी मल त्याग को बढ़ावा देकर कब्ज को रोकता है।
गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। तिल के बीज में भी कैल्शियम होता है।
कुछ पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से पता चलता है कि गुड़ जोड़ों के दर्द और गठिया के लक्षणों को कम करता है। तिल के बीज में सूजन रोधी कंपाउंड होते हैं जो दर्द से राहत दिलाते हैं।
माना जाता है कि गुड़ का श्वसन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और कभी-कभी इसका उपयोग अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी स्थितियों के लक्षणों से राहत पाने के लिए किया जाता है।
गुड़ और तिल का सेवन सीमित करना चाहिए। हर दिन आप एक से दो चम्मच गुड़ और तिल खा सकते हैं। आप चाहें तो दोनों को मिलाकर एक टेस्टी का लड्डू तैयार कर सकते हैं।