बारिश में मलेरिया के मच्छर तेजी से पनपते हैं। जहां पर पानी इकट्ठा होता है या गंदगी होती है वहां पर मलेरिया के मच्छर होते हैं और लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
मलेरिया के इलाज के लिए यूं तो एंटीबायोटिक दवाई दी जाती है, लेकिन घरेलू नुस्खे से मलेरिया का इलाज करना चाहते हैं, तो ये 6 पत्तों का सेवन करना शुरू कर दें।
इसमें आर्टेमिसिनिन, एक शक्तिशाली मलेरिया-रोधी यौगिक होता है। मलेरिया के इलाज के लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं।
ये अपने मलेरियारोधी, एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुणों के लिए जानी जाती हैं। मलेरिया के लक्षणों को कम करने में मदद के लिए नीम की पत्तियों का जूस पिएं।
पपीते की पत्तियों में ऐसे यौगिक होते हैं जो बुखार और मलेरिया से जुड़े अन्य लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर मोरिंगा की पत्तियों का इस्तेमाल इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने और मलेरिया से लड़ने के लिए किया जाता है।
अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाने वाली अमरूद की पत्तियों का उपयोग मलेरिया सहित डायबिटीज और कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल आयुर्वेद में इसके सूजनरोधी, एंटीबैक्टीरियल और मलेरियारोधी गुणों के लिए किया जाता है। आप इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं।