PCOS मां बनने वाली 8 से 13% महिलाओं को प्रभावित करता है। दुनियाभर में इससे परेशान 70% महिलाओं का इलाज नहीं हो पता है। 24 से 34 साल के बीच 60% महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित होती है।
PCOS से ग्रस्त महिलाओं को साल में 9 पीरियड्स कम आते हैं, जिससे गर्भाशय की परत और मोटी हो जाती है और इस वजह से एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया और एंडोमेट्रियल कैंसर भी हो सकता है।
PCOS से गर्भावस्था और प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। पीरियड का साइकिल 21 दिन से कम होता है या 38 दिन से ज्यादा होता है, तो फर्टिलिटी और प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन आते हैं।
लंबे समय तक pcos का इलाज न किया जाए तो यह डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट की बीमारी का खतरा भी बढ़ा सकता है। चेहरे पर अनचाहे बाल आना, डिप्रेशन और मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ता है।
अगर आप PCOS की समस्या से बचना चाहते हैं, तो एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है। जिसमें डाइट के साथ ही एक्सरसाइज, कैफीन और शराब से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
PCOS से ग्रस्त महिलाओं को समय-समय पर अपने हार्मोन और अल्ट्रासाउंड के जरिए पेल्विक की जांच करना बहुत जरूरी है, इससे किसी भी असामान्य स्थिति से बचा जा सकता है।
PCOS परेशान महिला में विटामिन D की कमी आमतौर पर देखी जाती है और इससे उन्हें कई और समस्याएं हो सकती है। ऐसे में PCOS से ग्रस्त महिलाओं को विटामिन डी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।