गर्मी में बॉडी के अहम अंग ब्लड को स्किन के नीचे ट्रांसफर करके खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है। यह बदलाव हार्ट को अधिक ब्लड पंप करने का कारण बनता है, जिससे यह तनाव में आ जाता है।
हाल ही में एक शोध के मुताबिक जब तापमान 109 डिग्री फ़ारेनहाइट के औसत दैनिक तापमान के चरम पर पहुंच जाता है, तो हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या दोगुनी या तिगुनी हो सकती है।
अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन के शोध पता चलता है कि गर्मियों के दौरान तापमान में जितना अधिक उतार-चढ़ाव होगा, स्ट्रोक उतने ही अधिक गंभीर हो सकते हैं।
यदि आप हृदय रोगी हैं, 50 वर्ष से अधिक उम्र के हैं या अधिक वजन वाले हैं तो आप अपने हृदय की सुरक्षा के लिए गर्मी में विशेष सावधानी बरतें।
गर्मी के मौसम में बाहर निकलते ही हर 20 मिनट में 8 ओंस पानी अवश्य पीएं। इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। वहीं फ्रूट जूस, सोडा, अल्कोहल और कैफीन के सेवन से दूर रहें।
घर से बार निकलने से पहले चेहरे और ओपन एरिया पर SPF 15 वाला वाटर प्रूफ सनस्क्रीन लगाएं और इसे हर दो घंटे में दोबारा लगाएं।
ब्रीथएबल और लूज़ फिटिंग के कपड़े पहनें। धूप में बाहर निकलने के लिए लाइट कलर चुनें। सन ग्लास और हैट का इस्तेमाल धूप से बचने के लिए करे।
अगर आपका काम आउटडोर है तो नियमित ब्रेक लें। कोई छाया या ठंडी जगह ढूंढें, कुछ मिनटों के लिए रुकें, हाइड्रेट करें और फिर से काम शुरू करें।
अगर बहुत जरूरी काम ना हो तो दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचे। इसी वक्त सूरज की किरण सबसे ज्यादा आपको नुकसान पहुंचाता है।